अक्टूबर-नवम्बर तक रहता है जारी
ज्ञात हो कि कसडोल से करीब 10 किमी दूर सिंह खोल नामक स्थान है, जिसे सिद्ध बाबा के नाम से जाना जाता है। यहां प्रतिवर्ष बरसात के दिनों में करीब 85 फीट की ऊंचाई से झरना बनता है, जो अक्टूबर-नवम्बर तक जारी रहता है। पहाड़ी नाले पर बनने वाला यह जल प्रपात इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है।
चारो तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है सिद्ध-बाबा
वास्तव में एक छोटी सी घाटी है जहां ऊपर की चोटी से पानी का प्रवाह नीचे 40 फीट नीचे गिर जाता है जिससे सिद्धा-खोल वाटरफॉल के रूप में जाना जाता है। इस झरने के निचे हिस्से में शेर का गुफा है और चारो तरफ जंगल, पेड़ झाड़ियो और पहाडियों से घिरा हुआ है जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है। इस जगह पर पर्यटकों की सुविधा के लिए वाच टॉवर व छाया के लिए कुटीर बनाया गया है। झरना स्थल के घाटी को सुरक्षा की दृष्टि से जालीदार तार से घेरा गया है। शरद पूर्णिमा के अवसर पर पिछले कुछ वर्ष से मेला भी लगने लगा है।
मौज मस्ती के लिए ही किया जा रहा इस्तेमाल
पर्यटकों को इतनी सुविधा देने के बाद भी पर्यटकों के द्वारा उस स्थल का केवल मौज मस्ती के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है। कई पर्यटक तो प्रतिबंधित प्लास्टिक दोना पत्तल व शराब के बॉटल फोडक़र बिखेर अपनी मानसिक विकृति को दर्शा रहे हैं।