चौंकाने वाली बात यह है कि डेंगू से मरने वालों के आंकड़े भी कथित तौर पर शून्य है। स्वास्थ्य विभाग का कहना कि जिले में सिर्फ 6 मरीज ही मिले हैं। दूसरी ओर खुद कलेक्टर को भी शहर की बस्तियों में निरीक्षण करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनवरी से अब तक प्रदेश भर में 232 मामले आए हैं, जिसमें दुर्ग के 104, रायगढ़ के 58, बस्तर के 19 और रायपुर के 6 मरीज शामिल हैं।
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यहां ज्यादा मरीज Danger Dengue: गुढ़ियारी, खमतराई और पुरानी बस्ती में डेंगू के ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। जिला अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों के साथ निजी अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं। आंबेडकर अस्पताल में 84 मरीज आंबेडकर अस्पताल में जुलाई-अगस्त में ही डेंगू के 84 मरीज इलाज करा चुके हैं। अगस्त में ही अब तक 71 मरीज मिले हैं। आंबेडकर अस्पताल में अभी 22 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। सिर्फ यहां पर ही रोज चार से पांच केस आ रहे हैं। जबकि, इससे ज्यादा मरीज निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में इलाज करा रहे हैं।
कंट्रोल रूम तक नहीं Danger Dengue: बीते वर्षों में भी डेंगू के मरीज तेजी से बढ़े थे, जिसके बाद जिला अस्पताल में कंट्रोल रूम बनाया गया था। इसके अलावा आंबेडकर अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया था।
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पार्षद घर-घर जा कर रहे फार्मिंग शहर में लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में जिला प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों से जानकारी ले रही है। दूसरी तरफ महंत लक्ष्मीनारायण दास वार्ड के पार्षद जितेन्द्र अग्रवाल खुद घर-घर जाकर फॉगिंग कर रहे हैं। विगत तीन दिनों में 20 घरों में जाकर अभी तक फॉगिंग की जा चुकी है। अग्रवाल ने बताया, वार्ड के बनियापारा, ठेठवारपारा, महामाईपारा, कायस्थपारा, ठाकुरपारा, गोपियापारा सहित सभी स्थानों के लोगों को कहा गया है कि घर में फॉगिंग करना हो तो पर्सनल नंबर पर मैसेज या व्हाट्सऐप करके अपना मोबाइल नंबर पता सहित भेज सकते हैं। अब मितानिनों को घर-घर डेंगू के मरीजों का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। सभी अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम करवाया जा रहा है। – डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर, रायपुर
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