scriptCG Government School: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब उखड़ रहे प्लास्टर, जर्जर भवनों में अपना भविष्य गढऩे को मजबूर बच्चे… | The condition of government schools in the state is bad, plaster is falling off | Patrika News
रायपुर

CG Government School: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब उखड़ रहे प्लास्टर, जर्जर भवनों में अपना भविष्य गढऩे को मजबूर बच्चे…

CG Government School:रायपुर जिले के सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिखकर जर्जर स्कूलों के मरम्मत के लिए बजट की मांग की हुई है।

रायपुरDec 03, 2024 / 04:55 pm

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CG Government School: छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूल भवनों की स्थिति काफी खराब है। इन्हीं जर्जर भवनों में बच्चे अपना भविष्य गढऩे को मजबूर हैं। प्रदेशभर में जर्जर स्कूलों के लिए 25,178 मरम्मत कार्य मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुए थे, जिसमें 4,576 स्कूलों में कार्य अभी कि शुरू नहीं हुआ है। इस योजना के लिए मिले बजट में भी जिन स्कूलों में कार्य शुरू नहीं हुआ, उनके बजट को भी स्कूल शिक्षा संचालानालय जिलों से वापस मंगवा लिया है।
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जबकि 5,855 कार्य मई 2024 की स्थिति में अधूरे थे। वर्तमान में राजधानी जैसे बड़े जिले के 41 स्कूल जर्जर स्थिति में हैं, जहां सैकड़ों बच्चे जान जोखिम में डालकर पढऩे को मजबूर हैं। रायपुर जिले के सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिखकर जर्जर स्कूलों के मरम्मत के लिए बजट की मांग की हुई है। इसके बावजूद पढ़ाई शुरू हुए दो महीने बीतने के बाद भी बजट स्वीकृति नहीं हुए।

जिला कार्यालय ने मांगे 148 लाख रुपए

41 जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए रायपुर जिला शिक्षा कार्यालय ने लोक शिक्षण संचालनालय से 148.20 लाख रुपए के बजट की मांग की है। इसमें सबसे ज्यादा 24 प्राथमिक स्कूल जर्जर स्थिति में हैं। 15 पूर्व माध्यमिक स्कूल भवनों की हालत दयनीय है। वही, 2 हॉयर सेकंडरी स्कूलों की हालत खराब है।

धरसींवा के 9 स्कूल जर्जर स्थिति में

रायपुर जिले के चार ब्लॉकों के 41 स्कूलों की स्थिति जर्जर है और उन्हें तत्काल मरम्मत की जरूरत है। बीईओ ऑफिस से बजट की मांग की गई है। सबसे ज्यादा तिल्दा व अभनपुर ब्लॉक के 16-16 स्कूली भवन जर्जर स्थिति में हैं और धरसींवा के 9 स्कूल भवनों की हालत खराब है।

ग्रामीण स्कूलों में स्थिति ज्यादा खराब

शहरी क्षेत्रों में स्कूलों को स्मार्ट सिटी और डीएमएफ से मरम्मत करके सुधार कार्य किया गया है। लेकिन, रायपुर समेत विभिन्न जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल भवनों की हालत बेहद खराब है। रायपुर जिले के 41 जर्जर स्कूलों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल हैं। धरसींवा में आत्मानंद स्कूल के लिए भी मरम्मत हेतु बजट की मांग की गई है।

ये स्कूल जर्जर

शा.न.प्रा.शाला भाठापारा मांढर, मांग राशि-2 लाख

शा.उ.प्रा.शाला उरकुरा, मांग राशि-2 लाख

शा.प्रा.शा तिवरैया, मांग राशि-3 लाख

शा. उ.मा. विद्यालय पथरी, मांग राशि-2 लाख

शा. पूर्व मा. शाला पथरी, मांग राशि-5 लाख
शा. न प्रा. शाला चरौदा, मांग राशि-5 लाख

शा. प्रा. शाला पंडभट्ठा, मांग राशि-5 लाख

शा. प्रा. शाला बरौदा, मांग राशि-5 लाख

स्वामी आत्मानंद स्कूल माना कैंप, मांग राशि-1.20 लाख

प्रदेशभर की स्थिति

25,178 जर्जर स्कूलों में काम स्वीकृति
14,747 काम ही पूरे हो सके मई तक

5,855 कार्य अधूरे

4,576 कार्य शुरू ही नहीं हुए

अतिरिक्त संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक योगेश शिवहरे ने बताया कि डीपीआई से 21.70 करोड़ का बजट जर्जर स्कूलों के मरम्मत के लिए जारी कर दिया गया है। कलेक्टर को बजट खर्च करने का अधिकार दिया गया है। प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के लिए 80-80 हजार और हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए 1.20 लाख रुपए प्रति स्कूल बजट जारी किया गया है।

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