मिली जानकारी के अनुसार वार्ड 20 में तिल्दा रेलवे फाटक के पास एक महिला के द्वारा झोपड़ी नुमा घर बनाकर होटल का संचालन किया जाता है। दो-तीन बार झोपड़ी में आग लगने से दहशत में रह रही महिला ने एक आदिवासी बुजुर्ग भागवत ध्रुव को रात को होटल की चौकीदारी (CG Crime News) करने के लिए लगाया था। निहायत गरीब भागवत पिछले कुछ दिनों से चौकीदारी के लिए होटल के अंदर सोता आ रहा था।
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बताया जाता है शुक्रवार की रात लगभग 2.30 बजे 5 दबंग युवक होटल के पास पहुंचे और दरवाजे को खटखटाते हुए गुटका की मांग करने लगे। भागवत ने मालिक के न होने की बात कह कर गुटखा देने से इनकार करते हुए दरवाजा नहीं खोला। तब नशे की हालत में वे गाली गलौज करते हुए दरवाजे को खोलने जिद्द करने लगे। इसी बीच युवकों ने दरवाजे को तोड़ दिया और भागवत पर लात घुसे बरसाने लगे। बुजुर्ग होने के बाद भी युवक उसकी बेरहमी के साथ पिटाई करते रहे। कुछ देर में भागवत बेहोश हो गया। उसके बाद सभी युवक उसे मरा समझ कर भाग निकले। उधर रोज की तरह मालकिन जब सुबह 4 बजे होटल खोलने पहुंची तो देखा कि चौकीदार खून से लथपथ बेहोसही हालत में होटल के दरवाजा के सामने पड़ा हुआ था। होटल मालिक महिला होने के कारण डर गई। उसने तत्काल अपने बेटियों को बुला लिया, उसके बाद सुबह लगभग 4.30 बजे बुजुर्ग को घायल अवस्था में थाने ले गए। जहां बैठे एएसआई बीएल देवांगन ने तत्काल अस्पताल भिजवाया, प्राथमिक उपचार के बाद वापस रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा तो उसे दोपहर बाद आने की बात कह कर चलता कर दिया।
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उधर जानकारी मिलने के बाद जब पुलिस से संपर्क किया गया तो थाने में इस मामले का कहीं पर भी उल्लेख नहीं था। वहां पदस्थ सब इंस्पेक्टर डीडी मानिकपुरी से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। थाने में पदस्थ मुंशी ने भी जानकारी नहीं होने की बात कही। इसी तरह की बातें वहां बैठे मददगार ने भी कही। इतना ही नहीं पुलिस थाने में उल्टा पुलिस कर्मी और अधिकारी संवाददाता से ही पूछने लगे कि मामला कहां का और कब का है। यह भी पढ़ें
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तब पता चला कि मामले की जांच एएसआई बीएल देवांगन कर रहे हैं। उनसे रिपोर्ट के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में एक युवक पर कार्रवाई की है और एक युवक की हम तलाश कर रहे हैं। इस घटना में चार लोग थे, इनमें नाबालिक हैं। जिसे मेरे द्वारा समझाइश देकर हमने वापस भेज दिया है। प्रार्थी ने मारपीट करने वाले युवकों की संख्या पांच बताई थी और सीसीटीवी कैमरे में भी युवक कैद हुए हैं। उसके बाद भी पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। मामला तूल पकड़ सकता है इस मामले को लेकर आदिवासी समाज की जल्द ही बैठक होने वाली है और यह मामला काफी तूल पकड़ सकता है। एक तरफ रायपुर में एसपी गुंड़ों को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं। दूसरी तरफ तिल्दा पुलिस गुंड़ों को थाने से ही छोड़ रही है। गंभीर रूप से घायल भागवत ने कहा कि मैं गरीब हूं इसीलिए पुलिस उन दबंग पर कार्रवाई नहीं कर रही है। यह दबंग यहां से तो बच जाएंगे, लेकिन भगवान की मार से नहीं बच पाएंगे।