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रायपुर

Swine Flu in CG: एक माह में मिले 60 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज, डाॅक्टर की राय- बाहर से आएं तो जांच जरूर कराएं

Swine Flu in CG: रायपुर में स्वाइन फ्लू से एक माह में 60 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। जिसको लेकर लोगो में काफी चिंता देखने को मिल रहा है। वहीं, 6 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।

रायपुरAug 23, 2024 / 02:36 pm

Shradha Jaiswal

Swine Flu in CG: छत्तीसगाह के राजधानी रायपुर में स्वाइन फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है। पिछले एक माह में 60 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव के मरीज शामिल हैं। वहीं, 6 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इनमें 4 की मौत बिलासपुर व दो की राजनांदगांव में हुई है। गुरुवार को बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में मनेंद्रगढ़ निवासी 41 वर्षीय कॉलरीकर्मी की मौत हो गई।
जबकि नेहरू मेँडिकल कॉलेज में एक मरीज की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है, जो छुईखदान का रहने वाला है। माइक्रो बायोलॉजी विभाग में पिछले सप्ताहभर में 35 से ज्यादा सैंपलों की जांच हुई है। इसमें 3 की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। वहां रोज 5 से 6 सैंपलों की जांच की जा रही है।
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इलाज में हो रही देरी

राजधानी समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में जुलाई-अगस्त में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी है। रायपुर में स्वाइन फ्लू का पहला केस जुलाई के पहले सप्ताह में आया था। कांकेर का मरीज एक निजी अस्पताल में भर्ती था। वही 15 दिनों से ज्यादा वेंटिलेटर पर रहा और उसकी जान बच गई। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि उन्हीं मरीजों की मौत हो रही है, जिनकी बीमारी की जांच देरी से हो रही है। इसके कारण इलाज में भी देरी हो रही है। बिलासपुर व राजनांदगांव में जिन मरीजों की मौत हुई है, वे ग्रामीण इलाकों के रहने वाले थे। लंबे समय तक खांसी व सर्दी रहने पर जांच कराई तो स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई।
बता दे कि डॉक्टरों के अनुसार रिपोर्ट आने के पहले लक्षण के अनुसार मरीजों का इलाज किया जाता है। रिपोर्ट कंफर्म होने के बाद कुछ गाइडलाइन बदल जाती है। मरीजों को टैमी फ्लू टेबलेट देकर इलाज किया जा रहा है। हालांकि बड़े निजी अस्पताल एक्मो मशीन में रखकर मरीज का इलाज करते हैं। वही एक अस्पताल ने इस मशीन में रखकर इलाज के लिए 56 लाख का इस्टीमेट मरीज को दिया है।

हवा से फैलती है बीमारी, एन-95 मॉस्क जरूरी

स्वाइन फ्लू (Swine Flu) चूंकि हवा से फैलने वाली बीमारी है इसलिए मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़ती है। इलाज करने वाले डॉक्टरों को एन-95 मॉस्क लगाना पड़ता है। साथ ही अटेंडेंट साथ में नहीं रह सकता। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को भी पर्याप्त सावधानी बरतनी पड़ती है। देखा गया है कि मरीज के संपर्क में रहने वाले परिजन या अस्पताल के स्टाफ भी पॉजीटिव आते रहे हैं। बिलासपुर में कुछ केस ऐसे आए हैं। वहां 29 संक्रमित मिल चुके हैं, जिसमें 26 बिलासपुर के हैं। बिलासपुर में ज्यादा संक्रमण के पीछे डॉक्टर कोई विशेष कारण नहीं मानते। जहां ज्यादा केस आएंगे, वहां पर पर्याप्त सावधानी नहीं बरतने पर बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।
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दो कोरोना मरीज भी इलाज से हुए स्वस्थ

पिछले 15 दिनों में रायपुर में कोरोना के दो मरीज भी मिले हैं। ये इलाज के बाद स्वस्थ हो गए हैं। डॉक्टरों के अनुसार मरीज को मल्टीपल बीमारी थी। जांच में कोरोना की पुष्टि हुई। बिलासपुर में भी कोरोना के मरीज मिल चुके हैं।

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