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रायपुर

निलंबित एडीजी जीपी सिंह चकमा देकर फरार, तलाश में लगाई 10 टीमें

निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार सुबह से पुलिस अधिकारियों ने पूर्व एसीबी चीफ की तलाश में 10 टीमों को लगाया है।

रायपुरJul 10, 2021 / 11:14 am

Ashish Gupta

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रायपुर. निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार सुबह से पुलिस अधिकारियों ने पूर्व एसीबी चीफ की तलाश में 10 टीमों को लगाया है। ये टीमें रायपुर, बिलासपुर, भिलाई समेत संभावित स्थानों पर उनकी तलाश कर रही हैं।
रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व एसीबी चीफ और उनके करीबियों से पूछताछ की जा सके, इसलिए नोटिस शुक्रवार को जारी किया गया है। नोटिस में निर्देश दिया गया है, कि उनके पास जो भी साक्ष्य हों, वो पुलिस के पास जमा कर दें और अपना बयान आकरदर्ज करवा दें। नोटिस जारी करके पूर्व एसीबी चीफ व उनके करीबियों का तीन दिन तक इंतजार करेगी और उसके बाद सख्त कार्रवाई शुरू करेगी। बता दें कि गुरुवार की रात को निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 154(क) व 153 (क) के तहत केस दर्ज किया है।

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रायपुर से लेकर बिलासपुर तक तलाश
शुक्रवार को निलंबित एडीजी जीपी सिंह की तलाश में पुलिस की टीमें रायपुर से लेकर बिलासपुर तक लगी रहीं। पुलिस महकमे के अधिकारियों ने निलंबित एडीजी का पता लगाने के लिए बिलासपुर पुलिस की मदद भी मांगी है। शुक्रवार को रायपुर-बिलासपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने निलंबित एडीजी का पक्ष लडऩे वाले अधिवक्ता के कार्यालय व उनके घर में पता लगाया है। निलंबित एडीजी वहां नहीं मिले। निलंबित एडीजी के घर व परिचितों की निगरानी पुलिस द्वारा की जा रही है। निलंबित एडीजी केस में किसी भी तरह से प्रभाव ना डाल सके, इसलिए पूरे मामले पर नजर एसीबी के वरिष्ठ अधिकारी रखे हुए है।

नहीं रिसीव किया नोटिस
पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुवार को रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने निलंबित एडीजी जीपी सिंह, उनके सहयोगी मणीभूषण, प्रीतपाल चाण्डोक, राजेश बाफना को नोटिस जारी किया है। निलंबित एडीजी के निवास अफसर नोटिस लेकर पहुंचे थे, लेकिन वहां किसी ने नोटिस रिसीव नहीं किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार को पूर्व एसीबी चीफ के घर नोटिस लेकर फिर से अफसर जाएंगे। अगर नोटिस रिसीव नहीं करने पर दीवार पर चस्पा करके वापस लौटेंगे।

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इस वजह से लगा राजद्रोह
एसीबी ने कोतवाली पुलिस को पूर्व एसीबी चीफ के खिलाफ 48 पृष्ठों का साक्ष्य दिया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इन पृष्ठों में डायरी के फटे हुए पन्नों का जिक्र है। अफसरों के मुताबिक पूर्व एसीबी चीफ की डायरी से जनप्रतिनिधियों की गोपनीय बातों को सुनने, जनप्रतिनिधियों ने सामाजिक धार्मिक मुद्दों पर जो टिप्पणी की उसकी बातें, बस्तर में हुई घटनाओं का विवरण, नक्सलियों के साथ संबंध के जिक्र का विवरण है।

जीपी सिंह केस पर एक नजर
– शिकायत मिलने के बाद जून माह में एसीबी ने शुरू की जांच
– 1 जुलाई को एसीबी की टीम ने एडीजी जीपी सिंह के शासकीय आवास और उनके करीबियों के घर में दबिश दी।
– 3 जुलाई को एसीबी ने अपनी जांच बंद की, इस दौरान एडीजी सिंह को अपने घर से निकलने की मनाही थी।
– 5 जुलाई को एडीजी सिंह को निलंबित कर दिया गया और उन्हें मुख्यालय अटैच कर दिया गया।
– 7 जुलाई तक एसीबी की टीम ने ओडिशा व पंजाब में निलंबित एडीजी की जांच की और रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों के सुपुर्द की।
– 8 जुलाई की रात 12 बजे एसीबी के अधिकारी कोतवाली थाना 48 पृष्ठों का साक्ष्य लेकर पहुंचे। कोतवाली प्रभारी मोहसीन खान ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर खुद प्रार्थी बने और निलंबित एडीजी के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया।
– 9 जुलाई को पुलिस ने निलंबित एडीजी व उनके सहयोगियों को नोटिस जारी किया। नोटिस में साक्ष्य देने और बयान दर्ज कराने का उल्लेख है।

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