इस पर मंथन करने के लिए गुरुवार को प्रदेश के 10 शासकीय विश्वविद्यालयों की बैठक उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बुलाई है।
यह है नियम शिक्षाविदों के अनुसार परीक्षा नीति में संशोधन पहले शिक्षा परिषद करता है। शिक्षा परिषद के अनुमोदन को कार्यपरिषद से अनुमोदन कराया जाता है। कार्यपरिषद के अनुमोदन को कुलपति अनुमोदन देते है और उसको फिर राजभवन भेजा जाता है। राजभवन से अनुमोदन होने के बाद उसे लागू करने का नियम है।
राजभवन से अनुमोदन के बाद लागू करने का नियम कुलपतियों की मौखिक सहमति दो विषयों की पूरक पात्रता का नियम लागू हो सके। इसलिए उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की दो बैठक हो चुकी है। कमेटी के सामने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने मौखिक सहमति दी है। इस कमेटी की तीसरी बैठक गुरुवार को होगी।
इसलिए पड़ी जरूरत सूत्रों के अनुसार इस बार विवि और कॉलेजों में बड़ी संख्या में छात्र फेल होने के बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों से छात्रों ने दो विषयों में पूरक पात्रता देने की मांग सीएम भूपेश बघेल से की थी। बड़ी संख्या में छात्रों का आवेदन मिलने के बाद सीएम ने उच्च शिक्षा विभाग को नियमानुसार लागू करने का निर्देश दिया था। इसके बाद कमेटी बनाकर उच्च शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव फाइनल कर उच्च शिक्षा मंत्री को सहमति के लिए भेजा गया है।
अधिकारियों के निर्देशों का पालन होगा उच्च शिक्षा विभाग ने दो विषयों में पूरक कीपात्रता देने के लिए कमेटी बनाई है। तीसरी बैठक में शामिल होने का निर्देश मिला है। वरिष्ठ अधिकारियों का जो भी निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा।
डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला, कुलपति, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर