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चोरों के साथ बनाई गैंग
मुख्य आरोपी रोमी सुरेंद्र के घर काम कर चुका है। इस कारण उसे उनके आने-जाने और गैस एजेंसी की कलेक्शन राशि के बारे में जानकारी थी। उसने सुरेंद्र से लूट करने की योजना बनाई। उसने पुराने चोर राकेश सोनी और उसके साथियों अरविंद प्रसाद और संजय के साथ मिलकर गिरोह बनाया और लूटपाट की तैयारी की। इससे पहले उसने सुरेंद्र की रेकी भी करवाई। घटना वाले दिन चारों दो बाइक में सवार होकर पहुंचे। रोमी घटना स्थल से कुछ दूर पर रहा। बाकी के तीनों आरोपियों ने मौके पर जाकर सुरेंद्र से बैग लूटा था। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ऐसे पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इस दौरान वारदात में इस्तेमाल बाइक के बारे में जानकारी मिली। इसके आधार पर पुलिस ने अरविंद को पकड़ा और उससे कड़ाई से पूछताछ की। उसने रोमी और अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट करना स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस ने एक के बाद एक सभी को पकड़ लिया। बताया जाता है कि रोमी दोबारा हैदराबाद जाना चाहता था। इसलिए उसने लूट की।
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दो दिन में उड़ाए 95 हजार
आरोपियों ने मैनेजर से 1 लाख्चा 80 हजार रुपए लूटा था। महज दो दिन के भीतर ही आरोपियों ने 95 हजार रुपए उड़ा दिए। मजे की बात है कि घटना के बाद से आरोपी पुलिस से बचकर भागते फिर रहे थे। इसके बाद भी लूट के 95 हजार रुपए कहां उड़ा दिए? इसको लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस अधिकारी भी इस संंबंध में कुछ बता नहीं पा रहे हैं।