Social Media: इंटरकास्ट मैरिज को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन भी जमकर प्रोत्साहन राशि बांट रहा है। पिछले पांच सालों में 13 करोड़ रुपए से अधिक राशि बांट चुका है। प्रोत्साहन राशि के रूप में ढाई लाख रुपए दिया जाता है। शादी के प्रमाण पेश करते हुए आवेदन करने पर एक लाख रुपए तत्काल दिया जाता है। बाकी के डेढ़ लाख रुपए को दोनों के संयुक्त बैंक खाते में एफडी किया जाता है। इस राशि को दोनों तीन साल बाद ही निकाल सकते हैं।
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Social Media: तभी मिलेगा ढाई लाख
Social Media: ट्राइबल विभाग की ओर से इंटरकास्ट मैरिज को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि योजना चलाई जा रही है। इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग की युवती या युवक से दूसरे वर्ग की युवती या युवक शादी करता है, तो उन्हें ढाई लाख रुपए प्रोत्सान के तौर पर मिलता है। यह राशि उन्हें दो हिस्सों में मिलती है। पहले 1 लाख रुपए तत्काल दिया जाता है। बाकी के डेढ़ लाख रुपए दोनों के नाम से तीन साल के लिए एफडी किया जाता है। पिछले साल में विभाग ने प्रोत्साहन राशि के तौर पर 13 करोड़ 65 लाख 50 हजार रुपए बांटा है।सोशल मीडिया ने बढ़ाई संख्या
रायपुर के आदिमजाति कल्याण विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर विजय कंवर ने कहा इंटरकास्ट मैरिज करने वालों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर ढाई लाख रुपए विभाग की ओर से दिया जाता है। यह दो भाग में दिया जाता है। एक हिस्सा नकद और दूसरा हिस्सा एफडी के रूप में होता है। शादी करने वालों में एक पक्ष का अनुसूचित जाति का होना आवश्यक है। यह भी पढ़ें
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कब कितनी इंटरकास्ट मैरिज
वर्ष संख्या प्रोत्साहन राशि 2019-20 37 72 लाख 50 हजार 2020-21 78 1 करोड़ 93 लाख 2021-22 198 4 करोड़ 95 लाख 2022-23 83 2 करोड़ 5 लाख 2023-24 123 3 करोड़ 7 लाख 50000 2024-25 (अब तक) 37 92 लाख से अधिक इंटरकास्ट मैरिज बढ़ने की बड़ी वजह सोशल मीडिया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, टेलीग्राम, वॉट्सऐप के जरिए युवक-युवतियों में जल्दी दोस्ती हो जाती है। इसके अलावा उम्रदराज, विधवा आदि भी इसके जरिए जुड़ रहे हैं। बाद में यह दोस्ती रिश्ते में बदल रही है। पिछले साल 123 युवक-युवतियों ने इंटरकास्ट मैरिज की है। इससे पहले वर्ष 2021-22 में सबसे ज्यादा अलग-अलग जाति के 198 युवक-युवतियों ने विवाह किया।