तीन चरण में होगा काम
पहला- ट्रांसफार्मरों में लगे मीटर को बदला जाएगा।
दूसरा- घरेलू उपभोक्ताओं के मीटरों को बदला जाएगा
तीसरा- कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के मीटरों को बदला जाएगा।
सर्विस प्रोवाइडर अधिक होने से सस्ती होंगी दरें
अधिकारियों के मुताबिक प्रीपेड सिस्टम में राज्य की बिजली कंपनी ही नहीं प्राइवेट कंपनियां भी इलेक्ट्रिसिटी प्रोवाइडर के रूप में रहेंगी। अलग-अलग कंपनियों के बिजली के दर भी अलग होंगी। उपभोक्ता किसी भी कंपनी का कनेक्शन लेकर बिजली उपयोग करने स्वतंत्र होंगे। सर्विस प्रोवाइडर ज्यादा होने से बिजली की दरें सस्ती होगी।
केंद्र-राज्य दोनों का योगदान
अधिकारियों के मुताबिक इस योजना के लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत राशि उपलब्ध कराएगी। जबकि विद्युत वितरण कंपनी का योगदान 30 प्रतिशत का होगा। शेष 10 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार को करना है। योजना को दो चरणों में पूरा करना है। पहले चरण में बिजली लाइन एवं उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
इसके लिए मरम्मत से लेकर नई बिजली लाइन बिछाने और ट्रांसफार्मर आदि के काम होने हैं। दूसरे चरण में विद्युत प्रणाली के आधुनिकीकरण व उन्नयन के कार्य किए जाएंगे। इससेे बिजली उपभोक्ताओं को बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से मुक्ति मिलेगी। आरडीएसएस (रिवेम्प्ड) योजना को 2024-25 तक पूरा कर लिया जाना है।
स्मार्ट मीटर से जुड़ी 3 बड़ी बातें
1- मोबाइल की तरह हमें बिजली सप्लाई के लिए मीटर रिचार्ज करवाने होंगे, तभी बिजली सप्लाई होगी।
2- रिचार्ज खत्म होते ही पावर कट हो जाएगा, जैसे मोबाइल में इंटरनेट या आउटगोइंग कॉल बंद हो जाते हैं।
3- बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन होगा, जैसे हम ऐप से करते हैं।
टेंडर की प्रक्रिया शुरु
स्मार्ट मीटर लगाने की टेंडर प्रक्रिया शुरु की दी गई है। नवंबर से ट्रांसफार्मरों में लगे मीटरों को बदला जाएगा। जनवरी माह से घरेलू उपभोक्ताओं के पुराने मीटरों को स्मार्ट किया जाएगा।
मनोज खरे, एमडी बिजली कंपनी