यह भी पढ़ें
लोकसभा चुनाव को लेकर BJP ने प्रभारियों और सह-प्रभारियों के तय किए नाम ,लता उसेंडी को मिली यह जिम्मेदारी
नक्सली मुझे मारने आए थे, मैं कुछ देर के लिए दूसरी दिशा में चला गया, इधर नक्सलियों ने मेरे साथी हवलदार पर हमला बोल दिया और वह शहीद हो गया। इस बात का मुझे बहुत दुख हुआ। मैंने कसम खाई कि जब तक उस हत्यारे को जान से न मार दूं, चैन से नहीं बैठूंगा। अपने सोर्स के जरिए मैंने उस नक्सली का पता लगाया और एनकाउंटर कर मौत के घाट उतार दिया। मैंने कुछ ईनामी नक्सलियों का भी एनकाउंटर किया था। जब से होश संभाला, देश सेवा का था सपना मैं मूलत: बालोद झलमला का रहने वाला हूं। मेरी पढ़ाई रायपुर के एक निजी स्कूल में हुई। इसके बाद प्राइवेट बीए किया और सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू कर दी। सीजीपीएससी के दूसरे प्रयास में मुझे सफलता मिली और मैं डीएसपी बना। स्कूल के दौरान ही मैंने पुलिसिंग में जाने का फैसला कर लिया था। जबसे मैंने होश संभाला, तबसे देश सेवा का सपना था।