रायपुर

आखिर क्यों बढ़ रही नक्सली घटनाएं, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कही यह बड़ी बात..देखिए

Raipur News: नक्सलियों के साथ परायों जैसा बर्ताव ही बढ़ती घटनाओं की बड़ी वजह है। हमें उनसे बातचीत करनी होगी। उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना होगा।

रायपुरFeb 13, 2024 / 02:27 pm

Khyati Parihar

Chhattisgarh News: नक्सलियों के साथ परायों जैसा बर्ताव ही बढ़ती घटनाओं की बड़ी वजह है। हमें उनसे बातचीत करनी होगी। उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना होगा। सोमवार को राजधानी पहुंचे ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कही।
उन्होंने बताया, एक पुलिसवाले से उनकी मुलाकात हुई। वह अपने थाने को नक्सल थाना घोषित कराने में लगा था। ऐसा होने पर उसके थाने का भत्ता बढ़ जाता। समझ सकते हैं कि लोग कैसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के लिए नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसी चीजों पर लगाम कसने की जरूरत है। शंकराचार्य ने कहा, लोग शराब पीकर अपराध कर रहे हैं। इसके लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है। सरकार ही लोगों को शराब पिला रही है। जब लॉकडाउन खुला था, तब सरकार ने सबसे पहले शराब दुकानें खोलीं। बता दें कि अविमुक्तेश्वरानंद रायपुर से बेमेतरा के लिए प्रवास कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ प्रवास पर उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ हमारा घर है इसलिए हम हम यहां लगातार आते रहे हैं। बेमेतरा के बाद वे कवर्धा के लिए रवाना होंगे।
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ज्ञानवापी जैसी जितनी भी जगहें हैं, वहां दोबारा पूजा शुरू कराएंगे

देश में ज्ञानवापी जैसी जितनी भी जगहें हैं, हम वहां जाएंगे। दोबारा पूजा-पाठ की शुरुआत कर अपने पूर्वजों की परंपरा को पुनर्जीवित करेंगे। ये हिंदुओं का अधिकार है। अपनी पुरानी जगहों को वापस लेने में आखिर खराबी क्या है? उन्होंने कहा कि, सारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और अमृत जैसा दूध देने वाली हमारी गौ माता को काटा जा रहा है। यह बड़ी विडंबना है।
इन मुद्दों पर भी खुलकर बोले शंकराचार्य

जातीय जनगणना: अपना हित साधने लोगों को लड़वा रहे हैं

जातीय जनगणना पर शंकराचार्य ने कहा, आखिर राजनेताओं को जातीय जनगणना करानी ही क्यों है? ऐसे तमाम प्रयास राजनेता अपना राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहे हैं। देश में एक वो हैं जो धर्म की राजनीति कर रहे हैं, तो दूसरे समाज की राजनीति करने वाले हैं। धर्म तो सीमेंट है जो दो ईंटों को आपस में जोड़कर एक बनाने का काम करता है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो देश में विद्वेष फैल रहा है। धर्म के नाम पर इससे बड़ा अधर्म कुछ और नहीं।
लोकसभा चुनाव: गो हत्या ही बड़ा मुद्दा, जीत-हार इसी से तय

एक तरफ हम हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। दूसरी ओर देशभर में गायों को काटा जा रहा है। इस चुनाव गोहत्या ही सबसे बड़ा मुद्दा होगा। जीत-हार तय करने में इसकी बड़ी भूमिका होगी। जो दल गो हत्यारों के साथ खड़ा होगा, हम उसे हिंदू नहीं मानेंगे। गो हत्या का समर्थन करने वाली पार्टियों को जो वोट देंगे, वे भी गो हत्या के भागी होंगे। छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि गाय को राज्य माता का दर्जा दे। देश में जब तक गो हत्या हो रही है, हिंदू राष्ट्र नहीं कहला सकता।
राजनीतिक दल: गो संसद के प्रस्ताव पर शपथपत्र जारी करें

राजीनीतिक दल 6 फरवरी को प्रयाग में आयोजित गो संसद में पारित प्रस्ताव के आधार पर शपथ पत्र जारी करें। इस प्रस्ताव में किसी भी तरह से गो हत्या में शामिल व्यक्ति को हिंदू धर्म से अलग करने की बात कही गई है। उसके साथ सभी तरह के संबंध समाप्त कर दिए जाएंगे। इस शपथ पत्र को जारी कर राजनीतिक दल देश के माथे से गो हत्या का कलंक मिटाएं। जो दल इसके समर्थन में हैं, उन्हें हमारा पूरा समर्थन है। जो समर्थन नहीं करेंगे, हम भी उन्हें अपना विरोधी मानेंगे।
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