सरकार के आदेश के बाद कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मचारी संगठन के नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल अचानक नहीं हुई। सरकार को समय-समय पर मांगों के संबंध में ज्ञापन भी दिया गया है। जब सरकार की तरफ से ठोस पहल नहीं हुई तो मजबूरी में हड़ताल पर जाना पड़ा। हमारे हड़ताल का कार्यक्रम पहले से तय था। हमारी मांगों पर सद्भावना पूर्वक विचार करने के बजाय शासन दमन की नीति चलाना चाहती है तो यह भी ठीक नहीं है।
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संवाद की जगह कार्रवाई करना गलत Officer-Employee Strike In Raipur : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा, यह आंदोलन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले किया गया था। मुख्य सचिव को हड़ताल की सूचना 23 जून को दी गई थी। हमारी जो समस्याएं हैं, उस पर सरकार को संवाद करना चाहिए। इस तरह की दंडात्माक कार्रवाई उचित नहीं है। आज होगी संयुक्त बैठक छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा से जुड़े विभिन्न संगठकों की अहम बैठक रविवार को दोपहर 1 बजे राजधानी में होगी। बैठक में सरकार के आदेश (CG Strike News) पर चर्चा की जाएगी। बैठक में मोर्चा द्वारा 7 जुलाई को हुए प्रांतव्यापी कामबंद आंदोलन की समीक्षा की जाएगी। साथ ही मोर्चा के 1 अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन आंदोलन को भी सफल बनाने की रणनीति बनाई जाएगी। इसमें विभिन्न संगठनों के प्रांताध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।
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सरकार ने इसलिए लिया है फैसला Officer-Employee Strike In Raipur : अधिकारियों की कामबंद हड़ताल के दिन पीएम छत्तीसगढ़ में थे। इससे एक दिन पहले 6 जुलाई को सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों का डीए 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया था। इसके बाद भी कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी। अब कर्मचारी 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। इस देखते हुए सरकार ने सख्ती दिखाने का निर्णय लिया है। पहले भी हुआ है सर्विस ब्रेक का फैसला Break In Service: अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल को रोकने के लिए पहले भी सर्विस ब्रेक का फैसला हुआ है। हालांकि जब सशर्त हड़ताल खत्म होती है तो इसे वापस ले लिया जाता है। इस वजह से भी कर्मचारी संगठन इसे बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं।