यह भी पढ़ें: काउंसलिंग में बोनस अंक विवाद, छात्र को 94वीं रैंक का हुआ नुकसान, आज जारी हो सकती है नई आवंटन सूची दरअसल, दो छात्र एमबीबीएस के बाद बांड पर थे। उनको स्वास्थ्य विभाग से एनओसी नहीं मिली थी। यही नहीं, छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में स्थायी रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था। इस कारण उनका एडमिशन नहीं हो पा रहा था। मंगलवार को शाम साढ़े 4 बजे छात्र कॉलेज पहुंचे और एडमिशन लिया। इनमें एक छात्र को ईएनटी व दूसरे छात्र को पैथोलॉजी की सीट मिली है।
अब पीजी में प्रवेश के लिए छात्रों का स्थायी पंजीयन अनिवार्य है। इसके बिना एडमिशन नहीं दिया जा सकता। तीसरा छात्र दिल्ली में ऑर्थो की सीट छोड़कर यहां भी ऑर्थो में ही प्रवेश लिया है। दूसरे राउंड के बाद नेहरू मेडिकल कॉलेज में आवंटित 41 में 23, बालाजी में 10 में 7 तथा रिम्स में 15 में 10 छात्रों ने प्रवेश लिया है। नेहरू कॉलेज में ऑल इंडिया की 74 में 54 सीटों पर एडमिशन हो चुका है। जबकि स्टेट कोटे की सीटें खाली हैं। तीसरे राउंड के लिए डीएमई कार्यालय जल्द शेड्यूल जारी करेगा।
पहले राउंड में सूरजपुर में पदस्थ एक मेडिकल अफसर को बोनस के 30 अंक मिले थे। इस कारण छात्र को नेहरू मेडिकल कॉलेज में रेडियो डायग्नोसिस की सीट मिल गई थी। एक छात्रा की शिकायत के बाद जांच हुई तो पता चला कि छात्र को 30 के बजाय 16 अंक मिलना था। इस आधार पर छात्र की रैंक कम हो गई और संशोधित आवंटन सूची में उन्हें कोई सीट नहीं मिली।
छात्र नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मिले बोनस अंक को सही बताता रहा। उन्होंने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। अभी कोर्ट से डिसीजन नहीं आया है। छात्र के सभी दस्तावेज कॉलेज में जमा है और वह उन्हें ले जाने से भी इनकार कर रहा है। शिकायत करने वाली छात्रा को डर्मेटोलॉजी सिम्स से रायपुर में रेडियो डायग्नोसिस की सीट मिली है।