यह भी पढ़ें: पहले ही दिन 5 हजार से ज्यादा टिकट कैंसिल, एक हफ्ते तक लोकल के यात्री भी होंगे परेशान गोमूत्र पर चल रहे रिसर्च को वैज्ञानिकों की सराहना गोशाला परिसर में बन रहे चिकित्सालय का निरीक्षण करने बीते दिनों डब्लूएचओ के डायरेक्टर जितेन्द्र शर्मा खैरागढ़ पहुंचे थे। यहां उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अस्पताल निर्माण में अपना मार्गदर्शन दिया था। साथ ही गोमूत्र पर चल रहे रिसर्च की प्रशंसा की थी। वर्तमान में गोवंशों पर कामधेनु पशु अनुसंधान केंद्र अंजोरा का मार्गदर्शन मिल रहा है। वहीं, गोमूत्र का फसलों में उपयोग करने पर इंदिरा गांधी कृषि विवि पर रिसर्च कर रहा है।
यह भी पढ़ें: CG Tourism : छत्तीसगढ़ का सबसे अनोखा पिकनिक स्पॉट, ‘बोतल्दा जलप्रपात’ के ऊंचे पहाड़ों पर इतने झरने, देखें तस्वीरें… हाइड्रोलिक एंबुलेंस चलाने वाली पहली गोशाला पदम डाकलिया ने बताया, खैरागढ़ की मनोहर गोशाला राज्य में हाइड्रोलिक वेटनरी एंबुलेंस चलाने वाली पहली संस्था है। इस एंबुलेंस की मदद से सड़क पर गंभीर चोटिल गोवंश को मौके पर जाकर उपचार मुहैया कराया जाता है। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर गंभीर गोवंशों को उपचार के लिए गोशाला परिसर में भी लाया जाता है। जहां विशेषज्ञों की देख-रेख में नि:शुल्क उपचार किया जाता है।
यह भी पढ़ें: CG Vyapam : शिक्षक भर्ती परीक्षा की तीसरी कॉउंसलिंग शुरू, जारी हुआ कटऑफ रैंक, इस वेबसाइट पर करें चेक ये हाईटेक सुविधाएं होंगी मनोहर गोशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) ने बताया, यहां पर गोवंशों के लिए बने इस परियोजना में द्वापरयुग कालीन वन, 1100 गोवंशों के लिए अत्याधुनिक शेड और अलग से चारा भंडार गृह बनाया जा रहा है। वर्तमान में इस परियोजना को 5 एकड़ जमीन में विकसित किया जा रहा है। यहां गंभीर दुर्घटनाओं से चोटिल गोवंशों की सर्जरी भी हो सकेगी। इसके लिए ऑपरेशन थिएटर का भी निर्माण किया जा रहा है। पदम डाकलिया का कहना है कि गोवंश की एक-एक श्वास कीमती है, इसलिए अंतिम सांस तक उनकी सेवा की जाएगी।