ब्रेकडाउन क्रेन की चक्का को खोलने में मदद के लिए वर्कशॉप से एक अन्य क्रेन को भी भेजा गया। इस क्रेन की मदद से ब्रेकडाउन क्रेन का चक्का उठाया गया। सीनियर मैकेनिक लालदास खरे ब्रेकडाउन क्रेन के पास बैठकर चक्का खोल रहे थे। इस बीच एयर प्रेशर (हवा का दबाव) से ब्रेकडाउन क्रेन का चक्का और रिंग खुलकर तेजी से बाहर फेंकाया। रिंग लालदास के सिर पर लगा। उनका सिर फट गया। लालदास एयर प्रेशन अधिक होने के कारण दूर फेंकाकर दूसरी क्रेन की चक्का के पास गिर गए। उनकी घटनास्थल पर मौत हो गई।
खरे के साथ मौके पर उपस्थित एक अन्य एसईसीएल कर्मी गवेल और एक ठेका मजदूर को चोटें आई। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद दोनों घायलों को छुट्टी दी गई। मृतक लालदास एसईसीएल की दीपका प्रोजेक्ट में सीनियर मैकेनिक के पद पर कार्यरत थे। एमडी टाइप कॉलोनी के आवास क्रमांक 420 में परिवार के साथ रहतेे थे। घटना की सूचना पर एसईसीएल दीपका प्रोजेक्ट के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधीनस्थ कर्मचारियों से घटना को लेकर जानकारी प्राप्त किया।
बेटी के जन्मदिन पर हुई मौत
मृतक की 16 वर्षीय बेटी का जन्मदिन था जिसकी तैयारी में घर के सदस्य लगे हुए थे। मृतक का 18 वर्षीय पुत्र जो बिलासपुर में रहकर पढाई करता है वह भी बहन का जन्मदिन मनाने आया हुआ था लेकिन उनकी खुशियां मातम में बदल गई।
वेलफेयर बोर्ड में एटक के सदस्य थे मृतक
सीनियर मैकेनिक लालदास खरे श्रमिक संगठनों के बीच भी काम करते थे। एटक के सक्रिए सदस्य थे। एटक यूनियन ने वेलवेयर बोर्ड के लिए लालदास खरे का नाम सुझाया था। खरे वेलफेयर बोर्ड के सदस्य भी थे।
हादसा या लापरवाही
लालदास की मौत कार्य के दौरान लापरवाही करने या हुई या यह एक हादसा था। इसकी जांच शुरू हो गई। प्रबंधन ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। खान सुरक्षा निर्देशालय बिलासपुर की क्षेत्रीय टीम भी जांच करने पहुंच रही है। हादसे से परिवार में शोक की लहर है।