इसी सिलसिले में वैज्ञानिकों के दल ने रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। इस दौरान वैज्ञानिकों ने सीएम को राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने तथा परमाणु ऊर्जा की उपयोगिता की जानकारी देते हुए इसकी संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान सीएम ने मदद का आश्वासन दिया है। इस मौके पर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की बीम टेक्नोलॉजी डायरेक्टर अर्चना शर्मा, ज्योति दीवान व साइंटिफिक ऑफिसर सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक शर्मा भी मौजूद थे।
सरकार की तरफ से पूरी मदद का आश्वासन : मुख्यमंत्री साय ने वैज्ञानिकों को बताया कि छत्तीसगढ़ वनोपज सहित खनिज संसाधनों से भरपूर है। इसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए सभी आवश्यक संसाधन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। उन्होंने वैज्ञानिकों से चर्चा के दौरान राज्य में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उनके प्रस्ताव पर अपनी रुचि दिखाई और इस दिशा में सरकार की ओर से पूरा प्रयास करने का आश्वासन दिया।
वैज्ञानिकों के मुताबिक जीरो कार्बन के मिशन के लक्ष्य को पाने के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्र आज के समय की प्राथमिकता है। राज्य में परमाणु ऊर्जा विभाग की कोई भी इकाई नहीं है। छत्तीसगढ़ में संयंत्र लगाने पर इसका राज्य को अच्छा लाभ मिलेगा और रोजगार की संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे। उच्च तकनीक पर आधारित परमाणु ऊर्जा संयंत्र के स्थापित होने से छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों का भी उत्थान होगा। वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ राज्य में परमाणु ऊर्जा की कृषि, बिजली और अन्य उपयोग की संभावनाओं के बारे में भी सीएम को विस्तार से जानकारी दी।