प्रदेश में आई फ्लू के अब तक 19,873 मामले सामने आ चुके हैं। दुर्ग जिले में जहां रेकॉर्ड 3,746 मामले सामने आए हैं। वहीं, 3668 संक्रमितों के साथ रायपुर दूसरे पायदान पर है। विशेषज्ञों की मानें तो असल आंकड़े इसके तीन गुना होंगे। वो इसलिए क्योंकि बहुत से मरीज निजी अस्पताल जा रहे हैं। वहीं बहुत से लोग जागरूकता के अभाव में अस्पताल भी नहीं पहुंच रहे। अधिक उम्र वाले लोगों पर इस वायरस का कम प्रभाव दिख रहा है। इसकी वजह ये है कि अधिक उम्र वाले लोग अधिक सावधानियां बरत रहे हैं।
हर दूसरे घर से सामने आ रहे मरीज ये संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है, समझना है तो यही जान लीजिए, रायपुर में ही हर दूसरे घर से आई फ्लू का मरीज सामने आ रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसकी वजह खुद लोगों की गलती है। इस संक्रमण से बचने के लिए भी वही सावधानियां बरतनी हैं जो कोरोनाकाल के 2 साल अपनाई गई। सोशल डिस्टेंसिंग, लगातार हाथों को धोते रहना, हाथ मिलाने से बचना… ये सामान्य से उपाय हैं जो इस संक्रमण से बचा सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर अमल जरूर करें… – उमस की वजह से अभी लोगों को पसीना बहुत आ रहा है। आंखों में खुजली होती है। आंख छूने से बचें। – अगर किसी कारण से आंख छूनी भी पड़े तो पहले अपने हाथों को अच्छी तरह सैनिटाइज करें।
– कोई व्यक्ति संक्रमित है तो उसके संपर्क में आने से बचें। उसके टॉवेल, मोबाइल के उपयोग से बचें। – परिवारवाले संक्रमित व्यक्ति की आंखों में ड्रॉप डालने से पहले और बाद में हाथ सैनिटाइज करें।
– बाहर के खान-पान से अभी परहेज करें। घर का खाना खाएं। अपने भोजन में सलाद शामिल करें। – संक्रमण हो गया है तो मोबाइल और टीवी देखने से बचें। इससे आंखों पर जोर पड़ेगा। परेशानी बढ़ेगी।
आंख लाल दिखते ही बच्चे को स्कूल से छुट्टी दें सरकार सभी स्कूलों को बंद नहीं करवा सकती। लेकिन, प्रिंसिपल्स तो प्रतिदिन ये जायजा ले सकते हैं कि उनके स्कूल के बच्चों की तबियत कैसी है? अगर किसी बच्चे की आंख लाल दिखती है तो तत्काल उसे छुट्टी दे दें। दरअसल, देखने में आ रहा है कि एक बच्चे की वजह से पूरी क्लास को आई फ्लू हो गया। ऐसे में स्कूल प्रबंधन को भी आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बहुत लोग ये मानते हैं कि जिसे आंख आई है, उसे देखने मात्र से संक्रमण हो जाएगा। ऐसा नहीं है। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। देखने से संक्रमण नहीं फैलता।
– डॉ. दिनेश मिश्र, नेत्र रोग विशेषज्ञ सभी सरकारी अस्पतालों में संक्रमितों की जांच और इलाज के पुख्ता इंतजाम हैं। सरकारी मेडिकल में आई ड्रॉप का पर्याप्त स्टॉक है। जागरूकता ही बचाव है। ऐसे में हम लोगों को जागरूक करने पर अधिक जोर दे रहे हैं।
-डॉ. सुभाष मिश्रा, संचालक, महामारी नियंत्रक