ग्राहकों की एफडी पर मिलने वाले ब्याज को बैंक के कैशियर और बाबू ने हड़प लिया। पिछले 5 साल में 52 लाख रुपए अपने निजी खातों में जमा करके हड़प लिया। इसका खुलासा होने पर पुलिस ने तीन कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। आरोपियों की (Fraud News) अभी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
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पुलिस के मुताबिक जीई रोड स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में वर्ष 2017 से 2022 के बीच कई ग्राहकों ने लाखों रुपए की फिक्स डिपाजिट की थी। इस एफडी पर ग्राहकों को हर माह अलग-अलग दर से ब्याज मिलता था। ब्याज की राशि उनके बैंक खातों में जमा होना चाहिए था, लेकिन उस दौरान बैंक में पदस्थ वरिष्ठ लिपिक चंद्रशेखर डग्गर, सहायक लेखापाल संजय कुमार शर्मा, लेखापाल अरुण कुमार बैसवाड़े ने इन राशियों का घोटाला किया। ग्राहकों की एफडी से मिलने वाले ब्याज की राशि को दूसरे (Bank Fraud News) बैंक खातों में ट्रांसफर करके अपने निजी काम में इस्तेमाल किया। यह भी पढ़ें
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आरोपियों ने अलग-अलग एफडी से मिले ब्याज के कुल 52 लाख रुपए का घोटाला किया है। यह राशि ग्राहकों को मिलनी चाहिए थी, लेकिन आरोपियों ने अपने पास रख लिया। एफडी में ब्याज की राशि जब ग्राहकों को नहीं मिली, तो उन्होंने बैंक प्रबंधन में शिकायत की। विभागीय स्तर पर इसकी जांच हुई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि पूरे घोटाले में चंद्रशेखर, संजय कुमार शर्मा और अरुण कुमार की संलिप्तता है। इसके बाद बैंक के शाखा प्रबंधक शरदचंद्र गांगने ने तीनों के खिलाफ मौदहापारा थाने में शिकायत की। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 209, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। इनमें से आरोपी संजय कुमार शर्मा रिटायर हो चुके हैं।
पोस्ट ऑफिस में भी हो चुका है घोटाला Bank Fraud News: सरकारी बैंकों को लोग ज्यादा सुरक्षित मानते हैं, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से पहले पोस्ट ऑफिस घोटाला भी हुआ था। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर स्थित पोस्ट ऑफिस में ग्राहकों के एफडी और सेविंग के करोड़ों रुपए का गोलमाल हुआ था। इसमें आरोपी एजेंट और उसकी पत्नी ने पोस्ट ऑफिस में राशि जमा करने के नाम लोगों से पैसा लिया, लेकिन जमा नहीं किया।
आरोपी बकायदा ग्राहकों को एफडी और सेविंग खाते में रकम जमा करने की रसीद भी दी थी। उसमें सील सिक्का भी लगा रहता था। इस कारण ग्राहक उन (Thagi News) लोगों पर भरोसा कर लेते थे। इस मामले में पोस्ट ऑफिस प्रबंधन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई थी।