यह भी पढ़ें: CG News: निगम के कई अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी? ट्रांसफर के बाद भी नहीं हुए रिलीव, हो सकती है कार्रवाई बता दें कि लचर सफाई व्यवस्था की वजह से ही पिछले साल शहर की सफाई रैंकिंग 11वें नंबर पर थी। इसमें सुधार लाने की बड़ी चुनौती बनी हुई है। क्योंकि, शहर के जिन तीन तालाबों में नाले की गंदगी रोकने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो जाना था, वो भी अधूरा पड़ा है। ऐसे में शहर का ऐतिहासिक महाराजा बंद तालाब गंदगी से बजबजा रहा है। ऐसा ही हाल नरैया तालाब का भी है। इस तालाब में पिछले दो सालों से एसटीपी तैयार नहीं होने के कारण नाले की गंदगी सीधे तालाब में भर रही है। इन्हीं कारणों से शहर के लोगों का फीडबैक राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में ठीक से नहीं मिल पाता है। ऐसे में 400 नंबर की जगह मुश्किल से सौ-डेढ़ सौ नंबर मिलता है।