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गोठान व कुम्हारों के दीये बाजार में
अमलेश्वर, रायपुरा व आरंग सहित आसपास के परिवार करीब 60 से 50 हजार मिट्टी के दीये का निर्माण कर बेचने आते हैं। इसके अलावा गोठान में महिला समूह द्वारा तैयार किए गए बड़ी संख्या में गोबर के दीये बाजार में हैं। हालांकि कीमत में थोड़ा सा फर्क आया है। शुरुआत में 140 से 150 रुपए सैकड़ा में बिक्री शुरू हो चुकी है। वहीं 20 से 30 रुपये दर्जन में बिक रहा है। डंगनिया व जरवाय गोठान में गोबर का दीये 100-200 रुपए सैकड़ा बिक रहा है।
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30 से 300 रुपए में बिक रहा धान की झालर
देश में दिवाली का त्योहार धान के बिना अधूरा माना जाता है। इसलिए दिवाली आते ही धान की बाली से बने झालर, झूमर, तोरण द्वार का बाजार में खूब बिक्री होती है। खरोरा से 7-8 परिवार बूढ़ातालाब के पार धान से बने झालर व झूमर बनाकर बेच रहे हैं। दीपावली पर घर में धान से बने झालर, बिच्छु, तोरण व झूमर की कीमत 200 से 300 रुपए है। वहीं साधारण झूमर 30 से 150 रुपए तक है।