पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश महाराज ने बताया कि श्रावण का तीसरा सोमवार 24 जुलाई को पड़ेगा। इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सति ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक तपस्या किया।
उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पुरे श्रावण महीने में कठोरतप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। यही कारण हैं कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं।
श्रावण के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था, जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था। इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व है। यह भी पढें : मूसलाधार बारिश से दलदल बनी सड़क, अब अधिकारी खुद करा रहे मरम्मत का काम
बताया गया हैं।धार्मिक मान्यतानुसार श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिसमे निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया, जिस कारण उन्हें नीलकण्ठ का नाम मिला और इस प्रकार उन्होंने श्रृष्टि को इस विष से बचाया,और सभी देवताओं ने उन पर जल डाला था इसी कारण शिव अभिषेक में जल का विशेष स्थान है।
यह भी पढें : अगर youtube चैनल में हैं इतने सब्सक्राइबर्स, तो सरकार देने जा रही है कमाई का अच्छा मौका, इस तारीख से पहले करें अप्लाई वर्षा ऋतू के चौमासा में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और इस वक्त पूरी श्रृष्टि भगवान शिव के आधीन हो जाती हैं।अत: चौमासा में भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु मनुष्य जाति कई प्रकार के धार्मिक कार्य, दान, उपवास करती है।