दरअसल रोबोटिक सर्जरी में लगने वाली मशीन ही काफी एडवांस होती है। ये मशीन लगने से न केवल कैंसर के बल्कि यूरो कैंसर सर्जरी भी होने लगेगी। इसमें यूरो सर्जरी विभाग अभी डीकेएस में संचालित हो रहा है। जब प्रोस्टेट या यूरो संबंधी दूसरे मरीज आएंगे, तब उनकी सर्जरी के लिए यूरो सर्जन को बुला लिया जाएगा। यानी अंको व यूरो सर्जन मिलकर रोबोटिक सर्जरी करेंगे। वर्तमान में जो अंको सर्जन पदस्थ हैं, उन्होंने पहले ही रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग ले ली है। बाकी सर्जन के अलावा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को भी रोबोटिक सर्जरी से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी।
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अभी ऐसा है आंबेडकर में कैंसर विभाग का सेटअप – कैंसर विभाग प्रदेश का सबसे बड़ा सेंटर।– सालाना 21 से 22 हजार कैंसर के नए मरीज आते हैं।
– 5 से 10 फीसदी मरीजों को पड़ती है सर्जरी की जरूरत।
– सर्जरी के लिए सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग भी है, जहां एक प्रोफेसर के अलावा दो असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
– अभी मरीजों की लेप्रोस्कोपिक व ओपन सर्जरी की सुविधा।
2018 में हो चुका है टेंडर, एक कागज से अटकी मशीन रोबोटिक सर्जरी के सेटअप के लिए 2018 में टेंडर हो चुका है। सीजीएमएससी यानी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर मंगाया था। यह मशीन एडवांस मशीन विदेश से आती है। इसमें यूएसए की एक कंपनी से बातचीत चल ही रही थी कि एक जरूरी दस्तावेज नहीं भेजने के कारण मामला अटक गया। डॉक्टरों के अनुसार इसके बाद भी कई बार चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
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चार निजी अस्पतालों में ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा राजधानी के 4 बड़े निजी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। सबसे पहले पचपेड़ीनाका स्थित एक बड़े निजी अस्पताल ने जनरल व यूरो में रोबोटिक सर्जरी शुरू की। इसी इलाके के कैंसर अस्पताल में मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। वहीं देवेंद्रनगर स्थित बड़े निजी अस्पताल में नी रिप्लेसमेंट रोबोट से किया जा रहा है। हाल ही में मोवा स्थित एक बड़े निजी मेडिकल कॉलेज ने रोबोटिक सर्जरी का पूरा सेटअप मंगवा लिया है। यह सर्जरी जल्द शुरू होने वाली है। रोबोटिक सर्जरी के फायदे – सर्जरी की संख्या डबल होगी
– पिन पाइंट होगी सर्जरी
– ब्लीडिंग नहीं होती
– मरीजों की जल्दी छुट्टी
– इंफेक्शन नहीं होता
– रिकवरी बहुत जल्द
– क्वालिटी में सुधार अंको सर्जरी विभाग में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाएगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। बजट मंजूर होने के बाद मशीन की खरीदी की प्रक्रिया सीजीएमएससी करेगी। – डॉ. विवेक चौधरी, एचओडी व डीन कैंसर विभाग आंबेडकर अस्पताल
– पिन पाइंट होगी सर्जरी
– ब्लीडिंग नहीं होती
– मरीजों की जल्दी छुट्टी
– इंफेक्शन नहीं होता
– रिकवरी बहुत जल्द
– क्वालिटी में सुधार अंको सर्जरी विभाग में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाएगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। बजट मंजूर होने के बाद मशीन की खरीदी की प्रक्रिया सीजीएमएससी करेगी। – डॉ. विवेक चौधरी, एचओडी व डीन कैंसर विभाग आंबेडकर अस्पताल