धर्मांतरण को लेकर नए कानून लाए जाने का संकेत देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, धर्मांतरण, मतांतरण और बाद में राष्ट्रांतरण का रूप लेता है। हिंदू जब-जब बंटे तो मुगलों और अंग्रेजों ने राज किया। इस पर कड़ा कानून आना चाहिए। धर्म विरासत में मिलता है, यह किसी की अर्जित की गई संपत्ति नहीं है।
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इधर, धर्मांतरण को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने अपनी पहली बैठक में ही वह दावा किया था कि नया ‘‘धर्म स्वातंत्र विधेयक’’ का ड्राफ्ट तैयार है। 60 दिन के भीतर लागू हो जाएगा, लेकिन 1 साल बीतने के बाद आज तक मौन है। राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है प्रदेश के शहरी एवं मैदानी क्षेत्रों में भी धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ गई है। उनका आरोप है कि भाजपा खुद धर्मांतरण को बढ़ावा देती है फिर वर्ग संघर्ष करवाती है। विपक्ष में रहते हुए धर्मांतरण के नाम पर फसाद करने वाले भाजपाई पिछले एक साल से प्रदेश में होने वाली धर्मांतरण की घटनाओं पर चुप्पी साध लिए है।
यही नहीं खबरें तो यह भी आ रही है कि धर्मांतरण कराने वालों को सत्तारूढ़ दल का संरक्षण मिला हुआ है। जशपुर, बस्तर में धर्मांतरण की घटनाओं के बाद भाजपा की खामोशी इस बात का प्रमाण है कि इन घटनाओं को उसका समर्थन है।