सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि झीरम मामले में कुछ तो ऐसा है, जो भाजपा छिपा रही है। सतना रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा के आरोपों पर कहा, हमारे पास सबूत है, मगर किसको दें। सबूत उस एनआईए को दें, जिसने (cg news) झीरम कांड के जीवित लोगों से पूछताछ तक नहीं की। जब राज्य सरकार ने खुद जांच का प्रयास किया, तो एनआईए कोर्ट चली गई। आखिर इस मामले में भाजपा को किस बात का डर है।
रोड ओपनिंग पार्टी को क्यों हटाया? सीएम ने एनआईए जांच को लेकर कई सवाल भी दागे हैं। उन्होंने पूछा है कि रोड ओपनिंग पार्टी को क्यों हटाया गया। नक्सली नेताओं को पूछ-पूछकर मार रहे थे, जबकि नक्सली ऐसा कभी नहीं करते हैं। जिस नक्सली ने सरेंडर किया उसका एनआईए( Regarding Jhiram incident) ने बयान तक नहीं लिया। मामले की सुनवाई कर रहे जज का तबादला करा दिया गया। उनके घर में सुतली बम फेंका गया। उनको डराया गया। साफ है भाजपा इस मामले में कुछ दबाना व छिपाना चाहती है।
राज्य को सौंपे जांच सीएम ने कहा, झीरम कांड की रिपोर्ट राजभवन को सौंपी गई। जबकि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है। इसमें साफ दिख रहा है कि भाजपा कुछ न कुछ छिपाने का प्रयास कर रही है। यदि एनआईए जांच पूरी कर चुकी है तो उस जांच रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंपें। इसके लिए हमने सभी को पत्र लिखा, लेकिन कुछ नहीं है।
हमारे नेताओं की जान गई, ये राजनीति कर रहे भाजपा के आरोपों पर सीएम ने कहा, इतनी बड़ी घटना पर भाजपा के नेता अब उटपटांग बयान देते हैं। इनको शर्म भी नहीं आती। घटना में हमारे (raipur news) नेताओं की और सुरक्षाकर्मियों की जान गई, इनको राजनीति सूझ रही है। झीरम हमारे लिए भावनात्मक मामला है।