इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, स्वास्थ्य विभाग में निचले कर्मचारियों से लेकर चिकित्सकों के 5 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं, जिन्हें जल्द ही व्यापमं और पीएससी के जरिए भरा जाएगा। प्रश्नकाल में विधायक आशाराम नेताम और संगीता सिन्हा ने शासकीय अस्पताल में चिकित्सकों की कमी का मुद्दा उठाया। साथ ही इस बात पर आपत्ति जताई कि चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद वो ज्वाइन तो करते हैं, लेकिन अवकाश पर चले जाते हैं। इससे चिकित्सकों की कमी बनी रहती है।
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इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि हाल ही में अपनी डिग्री पूरी करने वाले 246 एमबीबीएस डाक्टरों को मेडिकल आफिसर के पद पर तथा 21 डॉक्टर्स को विशेषज्ञ चिकित्सक के तौर पर पदस्थ किया गया है। इनमें से पचास फीसदी चिकित्सक बस्तर एवं सरगुजा संभाग में दूरस्थ क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत किसी भी हास्पिटल में जहां भी खाली पद है उसके विरूद्ध यदि कोई एमबीबीएस डॉक्टर या विशेषज्ञ डॉक्टर आवेदन देता है तो उसे 24 घंटे के भीतर राज्य शासन से नियुक्ति मिलेगी। स्वास्थ्य कर्मियों का खत्म होगा अटैचमेंट प्रश्नकाल में विधायक इंद्र कुमार साहू ने अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पदस्थ चिकित्सक व कर्मचारी दूसरी जगह अटैच है। इससे क्षेत्र के लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। इस पर मंत्री ने अटैचमेंट की बात स्वीकार की और विधानसभा में स्वास्थ्य कर्मियों का अटैचमेंट खत्म करने की बात कही है।