कारीगरों से बात करने पर पता चला कि इस वर्ष ये 250 रुपए से लेकर 20,000 तक में खरीदे जा रहे हैं। अभी कई जगहों पर बड़े पुतलों का काम अभी अधूरा है। सिर्फ छोटे रावण पुतले ही पूरे बने नजर आ रहे हैं।
रावण बुक करवाने पहुंच रहे लोग
रावण के इस बाजार में लोग विजयादशमी के लिए पुतले बुक करवाने पहुंच रहे हैं। बच्चे अपने परिजनों के साथ यहां आ रहे हैं। सड़क किनारे रखे रंगबिरंगे पुतले आते-जाते राहगीरोंको आकर्षित कर रहे है। राजधानी में रावण के पुतले लेने आसपास के गांवों के लोग भी रावण पसंद कर ले जाते हैं।डब्लूआरएस कॉलोनी में बड़े रावण दहन की तैयारी, मेघनाथ और कुंभकर्ण के भी
डब्लूआरएस कॉलोनी दशहरा उत्सव के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। रावण की ऊंचाई 101 फीट की रहेगी। 85 फीट के दो और पुतले मेघनाथ और कुंभकर्ण के होंगे। फिलहाल यहां पर दो ढांचे तैयार किये जा रहे हैं। वही रावण के सिर का निर्माण जारी है। यहां पर रावण दहन के अलावा शानदार आतिशबाजी भी देखने को मिलेगी। यह भी पढ़ें
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मिट्टी से बने रावण का दहन
छत्तीसगढ़ के छुईखदान में स्थानीय कुंभकारों द्वारा निर्मित मिट्टी के रावण का पुतला बनाया जाता है। रावण का पुतला बनाने का स्थल आज तक अपरिवर्तित है। ग्राम नवागांव मार्ग पर रावण का पुतला बनाने का कार्य दशहरा पर्व के पूर्व से ही आरंभ हो गया है। मिट्टी के पुतले का वृहद स्वरूप दशहरा के दिन ही पूर्ण कर लिया जाता है तथा पुतले के संहार तक उसकी सुरक्षा की जाती है। यह परंपरा ढाई सौ वर्षों से चली आ रही है। रावण दहन के पहले मंत्रोच्चार के साथ भगवान राम की पूजा अर्चना के बाद रियासत के राजा प्रमुख द्वारा मिट्टी से बने विशालकाय रावण के पुतले का शिरोछेदन किया जाता है।