नवा रायपुर के सरकारी जमीन बेचने के आरोप में निपटे NRDA के पूर्व CEO एसएस बजाज
प्रदेशभर (Chhattisgarh) में 58 लाख 54 हजार 406 राशन कार्ड में से अब तक 35 लाख 74 हजार 70 का सत्यापन (Verification) किया जा चुका है। इसमें 23 हजार 135 राशन कार्ड अपात्र मिले हैं। विभाग तक पहुंचे आवेदनों के सत्यापन में जानकारी मिली है कि सैकड़ों कार्ड (Chhattisgarh Ration card scam exposed) मृत व्यक्तियों के नाम पर जारी हुए थे। आवेदन के पते पर वहां आवेदक मिले ही नहीं।Big Breaking: बस जलाने के संदिग्ध में पकड़े गए दो पुलिस कर्मी, हुआ बड़ा खुलासा
इतना ही नहीं प्रदेशभर में 58 लाख 54 हजार कार्ड में से 56 लाख 14 हजार ही आवेदन मिले हैं। इस तरह प्रदेश में 2 लाख 40 हजार ऐसे कार्डधारी है जिन्होंने आवेदन ही नहीं किया। राजधानी (raipur) की बात करें तो 3 लाख 63 हजार 393 कार्डधारी मे से 3 लाख 52 हजार ने ही आवेदन किया है। इससे स्पष्ट है कि यहां 11 हजार राशन कार्ड फर्जी (fake ration card) चल रहे थे। इसके अलावा अब तक रायपुर मे 91 हजार 700 कार्ड का सत्यापन हुआ है, उसमें से 1,422 आवेदन अब तक अपात्र मिले हैं।पूर्व खाद्य मंत्री (EX- Chhattisgarh Food and Civil Supplies Dept. Minister) पुन्नूलाल मोहले ने 2013 में विधानसभा में जानकारी दी थी कि 72 लाख 59 हजार राशन कार्ड प्रचलन में है। इसके बाद 2016 में सत्यापन के दौरान 14 लाख कार्ड निरस्त किए गए। वर्तमान में चल रहे सत्यापन तक 58 लाख 5 हजार 406 राशन कार्ड प्रचलन में थे।
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हटाए गए अपर खाद्य संचालकविभाग में राशन कार्ड और चावल के बेतरतीब आवंटन का पत्रिका लगातार खुलासा कर रही है। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कई जिम्मेदार अधिकारियों के प्रभार बदले जा रहे हैं ताकि जांच में खलल न पड़े। मंगलवार को विभाग के अपर संचालक राजीव अग्रवाल को हटाकर को राजेश अग्रवाल को प्रभार दिया गया है। वहीं राजीव अग्रवाल को छत्तीसगढ खाद्य आयोग का सदस्य सचिव बनाया गया है।
राशन कार्ड के लिए किसी परिवार या उसके मुखिया ने गलत जानकारी और दस्तावेज जमा कराए हैं तो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 9 के तहत मुखिया को पांच साल तक कारावास की सजा हो सकती है। राशन कार्ड में महिला को मुखिया माना गया है। इस कारण महिला को यह सजा हो सकती है।
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इस तरह की गड़बड़ी मिल रही – मृत व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड में जुड़वा लिए गए– विवाहित युवकों ने अविवाहित बताकर कार्ड बनवाए
– घोषणापत्र में निवास स्थान गलत बताया गया
– सन्निर्माण कर्मकार मंडल के प्रमाणपत्र के बिना कार्ड बने
– एक ही परिवार की एक से अधिक महिलाओं के नाम कार्ड
– आयकर दाताओं ने भी बनवा लिए राशन कार्ड
– पंजीकृत मजदूर होने की गलत जानकारी दी गई
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अभी संख्या और बढ़ेगीभाजपा शासन काल में राशन कार्ड में भरी गड़बड़ी हुई थी, इसी वजह से सरकार ने सत्यापन के आदेश दिए हैं। गड़बडियां सामने आने लगी हैं। अभी अपात्रों की संख्या और बढऩे की संभावना है।