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CG Election 2023 : पीएम नरेंद्र मोदी के बिलासपुर दौरे पर कांग्रेस ने लगाई सवालों की झड़ी, पूछे ये 36 प्रश्न.. क्या था मामला गुरुवार की दोपहर 5 साल की नाबालिग से उसके पड़ोसी नाबालिग लड़के ने दुष्कर्म किया। घटना की जानकारी होने पर करीब 2 बजे नाबालिग के माता-पिता घर पहुंचे। पुलिस भी मौके पर पहुंची। इसके बाद नाबालिग की हालत को देखकर उसके परिजन दोपहिया में बैठाकर उसे धरसींवा सरकारी अस्पताल ले गए। बालिका को वहां भर्ती कराया गया। इसके बाद उनके पिता थाने चले गए। वहां लिखित में शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने अपराध दर्ज कर दुष्कर्म करने वाले अपचारी बालक को पकड़ लिया गया। दूसरी ओर अस्पताल में बालिका का पूरा इलाज नहीं हो पाने से वह दर्द से परेशान रही।
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खुशियां बदली मातम में… गणेश विसर्जन करते खारुन नदी में डूबा नाबालिग, मौत पुलिस ने दिखाई संवेदनशीलता: पीड़ित बालिका को धरसींवा अस्पताल में दोपहर करीब 3 बजे से भर्ती कराया गया था। उन्हें ब्लीडिंग हो रही थी। दर्द से भी बुरा हाल था। अस्पताल में सामान्य उपचार करके छोड़ दिया गया था, जबकि बच्ची को सर्जरी, सोनोग्राफी आदि की जरूरत थी। रात 8 बजे तक आगे का इलाज ही नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू किया, तो उन्हें आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन इसके के लिए सुविधा नहीं मिली। अस्पताल का एंबुलेंस भी नहीं मिला और न ही सरकारी एंबुलेंस पहुंची। इसके बाद धरसींवा पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी से पीड़िता और उनके पिता को आंबेडकर अस्पताल भेजा गया। आंबेडकर अस्पताल में देर रात नाबालिग की सर्जरी हुई। शुक्रवार को उसके हालत में सुधार देखा गया है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने बढ़ते महिला अपराध को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों पार्टियों के तमाम बड़े नेता लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, लेकिन सभी नेता प्रदेश की असुरक्षित महिलाओं की हक में आवाज उठाने से बचते हैं। आलम यह है कि रायपुर में 6 साल तक की बच्चियों से दरिंदगी हो रही है। अपराधियों को खुली शह मिली हुई है। प्रदेश की महिलाओं में डर का माहौल व्याप्त है।
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CG Politics : आत्मानंद स्कूल को लेकर BJP का कांग्रेस पर हमला, कहा- शिक्षकों सहित आवश्यक पदों पर भर्ती नहीं..पढ़ाई भी ठप ग्रामीणों का आरोप अस्पताल में बालिका के इलाज में देरी होने और समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से ग्रामीण और परिजनों काफी नाराज थे। गुरुवार रात से ही ग्रामीण थाना और अस्पताल में हंगामा करने लगे थे। इसके अलावा ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि थाने में भी एफआईआर में देरी हुई और पीड़िता के पिता को अनावश्यक रूप से रात 8 बजे तक बैठाकर रखा गया था। अस्पताल में जरूरी दस्तावेज नहीं भेजे गए। इससे रेफर का काम अटका रहा।
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CG Election 2023 : पीएम नरेंद्र मोदी के बिलासपुर दौरे पर कांग्रेस ने लगाई सवालों की झड़ी, पूछे ये 36 प्रश्न.. यह भी होता है दुष्कमर् पीड़िताओं के बेहतर इलाज की बात तो दूर, मुलाहिजा की सुविधा भी कई सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं है। धरसींवा, उरला, गुढ़ियारी जैसे इलाकों से भी बलात्कार पीड़िता को मुलाहिजा के लिए आंबेडकर अस्पताल भेजा जाता है। इन इलाकों में स्थित महिला डॉक्टरों जिस दिन ड्यूटी रहती है, उस दिन मुलाहिजा करते हैं। बाकी दिन आंबेडकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।
एमएलसी के मामले में थाने की ओर से किसी तरह के कागज मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाती है। पीड़ित बालिका प्राथमिक उपचार किया गया था। उनकी तबीयत स्थिर थी। आंबेडकर अस्पताल में उन्हें बेहतर उपचार के लिए रेफर किया गया है।
-डॉ. विकास तिवारी, प्रभारी, शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, धरसींवा