रायपुर

Raksha Bandhan 2021: श्रवण नक्षत्र के बगैर मनेगा रक्षाबंधन पर्व, सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan 2021: पवित्र रक्षाबंधन त्योहार की तैयारियों में भाई-बहन जुट गए हैं। सुखद यह है कि इस बार भाइयों की कलाइयों में रक्षासूत्र बांधने के लिए बहनों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि भद्रा की छाया नहीं रहेगी, इसलिए सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त है।

रायपुरAug 22, 2021 / 08:31 am

Ashish Gupta

Raksha Bandhan 2021: इस बार रक्षाबंधन पर नहीं है भद्रा का साया, पूरे दिन रहेगा राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

रायपुर. Raksha Bandhan 2021: पवित्र रक्षाबंधन त्योहार की तैयारियों में भाई-बहन जुट गए हैं। सुखद यह है कि इस बार भाइयों की कलाइयों में रक्षासूत्र बांधने के लिए बहनों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि भद्रा की छाया नहीं रहेगी, इसलिए सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त है। पंडित यदुवंशमणि त्रिपाठी के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा तिथि दो दिन है। 21 अगस्त को श्रवण नक्षत्र में व्रत पूर्णिमा और उसी दिन शाम 6.15 बजे से भद्रा प्रारंभ हो जाने से व्रत पूजन के लिए श्रेष्ठ है। रक्षाबंधन पर्व पर श्रावणी नक्षत्र नहीं परंतु शुभ मुहूर्त सुबह से शाम तक है।

यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2021 : सब्जियों और गोबर के बीज से महिलाएं बना रही है रंग बिरंगी राखियां

रक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त को है। पिछले साल रक्षाबंधन पर्व के समय कोरोना का संकट अधिक होने के कारण भाई और बहन अपने-अपने घरों से एक-दूसरे के सुखमय जीवन की प्रार्थना करते हुए पर्व मनाया था। इस बार भी कोरोनाकाल ही चल रहा है, परंतु फैलाव धीमा होने के कारण घर-घर उल्लास के माहौल में रक्षाबंधन पर्व मनाने की तैयारियां चल रही हैं। अपने-अपने बजट के हिसाब से रेशम की डोर और उपहार सामग्री खरीदने निकल पड़े हैं। इसलिए बाजार में रौनक भी काफी बढ़ी है। दूर-दराज रहने वाले भाइयों के लिए चुन-चुनकर राखियां भेजने के लिए बहनें डाकघरों में पहुंच रही हैं। कुरियर भी कर रही हैं, ताकि रक्षाबंधन पर्व पर भाइयों की कलाइयां स्नेह की डोर से दमक उठे।

यह भी पढ़ें: करवट लेकर लेटने से बाहरी दुनिया से हो जाता है संपर्क कम, भीतर की अनुभूति होती है प्रबल

सूर्योदययुत पूर्णिमा तिथि मान्य
पंडित यदुवंशमणि त्रिपाठी के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा तिथि दो दिन है। 21 अगस्त को श्रवण नक्षत्र में शाम 6 बजे पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है, इसलिए व्रत पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा व्रत कल्याणकारी है। इस दिन भद्रा भी शाम 6.15 बजे से दूसरे दिन भोर 4.45 बजे तक होने के कारण रक्षाबंधन पर्व नहीं है। चूंकि पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त को शाम 5 बजे तक रहेगी, इसलिए सूर्योदययुत तिथि की मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन पर्व उत्तम है। यानी कि सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त का संयोग है।

Hindi News / Raipur / Raksha Bandhan 2021: श्रवण नक्षत्र के बगैर मनेगा रक्षाबंधन पर्व, सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.