रायपुर

आदिवासी दीदियों की बनाई राखी से सजेंगी भाइयों की कलाई, धान से बनाई आकर्षक राखियां

स्व समूह की महिलाएं धान, चावल, मोती, ऊन, रक्षा धागे से अलग-अलग डिजाइन से फैंसी एवं आकर्षक रंग-बिरंगी राखियां बनाकर अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही है।

रायपुरAug 07, 2022 / 02:56 pm

Mansee Sahu

दंतेवाड़ा। इस बार भी रक्षाबंधन पर्व करीब है और स्व सहायता समूहों की महिलाएं राखियां तैयार कर रही हैं। इन समूहों में ज्यादातर आदिवासी महिलाएं हैं, जिनकी बनाई कलात्मक राखियां भाईयों की कलाई पर सजेंगी और त्यौहार की रौनक बढ़ेगी। रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए स्व-सहायता समूहों की दीदिया अपनी आमदनी बढ़ाने राखियां तैयार करने में जुटी हैं।

जिले की पार्वती महिला ग्राम संगठन चितालंका, मां दंतेश्वरी संकुल संगठन बालूद, किसान महिला संकुल संगठन भांसी, एकता महिला ग्राम संगठन चितालंका की स्वसहायता समूह की 15 से 20 महिलाएं राखी तैयार कर रही हैं। मां दंतेश्वरी संकुल संगठन बालूद की सदस्य व ग्राम चितालूर निवासी सीमा बताती हैं कि स्व समूह की महिलाएं धान, चावल, मोती, ऊन, रक्षा धागे से अलग-अलग डिजाइन से फैंसी एवं आकर्षक रंग-बिरंगी राखियां बनाकर अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही है। सीमा बताती हैं कि पिछले वर्ष स्व- सहायता समूह की दीदियों ने राखी बिक्री कर उनके समूह को 40 से 50 हजार रुपए की आमदनी दिलाई थी।

इसी तरह पूरे समूह की दीदियों को लगभग 1 लाख 20 हज़ार का मुनाफा हुआ। और इस वर्ष भी अच्छी आमदनी की उम्मीद है। इस वर्ष निर्मित राखियों का कलेक्ट्रेट परिसर में शनिवार से स्टॉल लगाया जा रहा है। दीदियों द्वारा निर्मित राखियां जिले के मां दंतेश्वरी मार्ट, सी मार्ट, में उपलब्ध है। स्थानीय बाजार में भी इन राखियों की काफी मांग है। इसके साथ ही जिला प्रशासन महिलाओं की हरसंभव मदद कर रहा है।

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