प्रदेश में राज्यव्यापी आंदोलन को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के घटक संगठनों के नेतृत्वकारी साथियों की बैठक 19 अगस्त को राजिम में हुई। इसकी अध्यक्षता छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य पारसनाथ साहू ने की। इस दौरान साहू ने कहा कि दिल्ली सीमाओं पर किसान, कृषि और आम उपभोक्ताओं की आजीविका तथा अस्तित्व को बचाने का संघर्ष जारी है।
इस आंदोलन ने केंद्र सरकार की उस झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश किया है जिसमे सरकार कहती है कि एमएसपी था, है और रहेगा। जबकि सच्चाई यह है कि छत्तीसगढ़ में चौदह क्विंटल अस्सी किलो प्रति एकड़ समर्थन मूल्य में तीन महीने खरीदी होने के बाद बाकी फसल को किसान औने पौने दाम पर खुले बाजार में बेचने मजबूर होते हैं। कृषि लागत की तुलना में किसानों को उनके उपज का लाभकारी दाम नहीं मिल पाता है। ऐसे समय में किसान महापंचायत छत्तीसगढ़ में किसानों को अपने अधिकार के लिए संघर्ष को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ाना है।