कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के धर्मस्व, पर्यटन, गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, राजिम विधायक, अमितेश शुक्ल, अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू, सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव सहित साधु-संतों की गरिमामयी मौजूदगी रही।
जन समूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राजिम एक शहर नहीं, बल्कि आध्यात्म, धर्म और संस्कृति का परिचायक है। मेले स्थल को स्थायित्व प्रदान करने के लिए 54 एकड़ जमीन सामाजिक व धार्मिक कार्य के लिए आरक्षित किया गया है। जिनका तेजी से विकास किया जा रहा है। राजिम की भव्यता देखते ही बनती है। यह शहर ही नहीं, बल्कि धार्मिक, अध्यात्मिक और सांस्कृतिक का एक संगम है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के आते ही सबसे पहला विधेयक राजिम माघी पुन्नी मेला का प्रस्तुत हुआ। राज्य में धान खरीदी में हर वर्ष नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। यहां जंगल भी है और 65 प्रकार के लघु वनोपज की बिक्री हो रही है। अब यहां की बहनें गोबर पेंट निर्माण करेंगी। गरियाबंद में 3 प्राकृतिक पेंट की इकाइयों खोली जाएंगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में बिजली का उत्पादन भी शुरुआत हो गया है। ज़िले में भी जल्दी होगा। राज्य में 10 हजार को गोठान बनाया गया है। अब खाद भी यहां के लोग बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा समर्थन मूल्य भारत भर में दिया जा रहा है। शिक्षा के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। यहां की संस्कृति सुंदर है । मुख्यमंत्री लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। वास्तव में छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। आज यहां के अन्नदाता और गोपालक दोनों खुश हैं। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए धर्मस्व मंन्त्री ताम्रध्वज साहू व जिला प्रशासन को बधाई दी।
CM ने भगवान राजीवलोचन की पूजा-अर्चना कर प्रदेश के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना
राजिम. रविवार को माघी पुन्नी मेला के शुभारंभ अवसर पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे पहले भगवान श्रीराजीव लोचन मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन कर प्रदेश के खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना की। दर्शन उपरांत मुख्यमंत्री सीता बाड़ी का अवलोकन करने पहुंचे। यहां की भव्यता देख सीएम बघेल काफी गदगद हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने महानदी मैया की महाआरती में शामिल होकर विधि- विधान के साथ आरती उतारी। बघेल ने जैसे ही आरती के पात्र घुमाना शुरू किया आलौकिक दृष्य उभरकर सामने आया। उपस्थित पंडितों ने मंत्रोचार किया। सबसे पहले शंख ध्वनि हुई। इसके बाद आरती के बाद परिक्रमा किया गया। मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी मैया से प्रदेश की खुशहाली के लिए याचना की।