पुलिस के मुताबिक एम्स में नौकरी करने वालों को नौकरी छोड़ने से पहले नोटिस देना होता है। नोटिस नहीं देने वालों को उतने माह के वेतन के बराबर की राशि जमा करनी पड़ती है। एम्स शुरू होने के बाद कई लोगों ने बिना नोटिस दिए नौकरी छोड़ी है। उन्होंने राशि जमा किया है, लेकिन एम्स प्रबंधन तक नहीं पहुंचा है। बताया जाता है कि लेखा शाखा के कुछ कर्मचारी नौकरी छोड़ने वालों से बिना नोटिस के एवज में जमा होने वाली राशि ले लेते थे, लेकिन रसीद पुरानी दे देते थे। यह राशि लेखा शाखा में जमा तो होती थी, लेकिन प्रबंधन के पास नहीं पहुंची। इसकी शिकायत मिलने के बाद एम्स की विभागीय समिति ने मामले की जांच की। इसके बाद आमानाका थाने में शिकायत की है।
करोड़ों तक जा सकता है घोटाला एम्स प्रबंधन ने प्रारंभिक तौर पर करीब 25 लाख रुपए के घोटाले की शिकायत थाने में की है। मामले की जांच से घोटाला करोड़ों तक जा सकता है, क्योंकि लेखा शाखा के कुछ स्टाफ ऐसे हैं, जो एम्स की स्थापना के समय से पदस्थ हैं। इस दौरान कई कर्मचारियों, अधिकारियों और मेडिकल स्टाफ ने बिना सूचना दिए नौकरी छोड़ी है। फिलहाल शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
एम्स की ओर से शिकायत मिली है। इसकी जांच की जा रही है। एम्स से कुछ जरूरी दस्तावेजों की मांग की गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। – संतराम सोनी, टीआई, आमानाका, रायपुर