रेलवे का रायपुर ऐसा मॉडल स्टेशन है, जिसके प्लेटफार्म एक पर शराब पिलाने के लिए बार संचालित कराया जा रहा है। वहीं बाहर निकलने पर सीधे शराब दुकान होने शराबियों की भीड़ रहती हैं। ऐसे में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि नशेड़ी सबसे अधिक स्टेशन परिसर में ही सक्रिय रहते हैं।
वहीं सामने शराब खरीदते हैं और पटरी के किनारे पीकर स्टेशन के सामने और प्लेटफार्म-5 की तरफ सुरक्षा कमजोर होने का फायदा उठाकर रेल यात्रियों को निशाना बनाते हैं। वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के बाजू से एक छोटा से गेट खोला गया है, ताकि लोग सीधे शराब दुकान और वहां से स्टेशन में घुसे। उस गेट तक को भी बंद नहीं कराया जा रहा है और दावे इंटीग्रेटेड सुरक्षा के किए जाते हैं।
आरपीएफ और जीआरपी की निष्कि्रयता फिर उजागर
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एसके चंद्रा और जीआरपी थाना प्रभारी एलएस राजपूत की निष्कि्रयता एक बार फिर सामने आई है। शनिवार की रात 2 बजे बाद प्लेटफार्म 5 पर एक यात्री का मोबाइल छीनकर चोर फरार हो गया, उस दौरान सुरक्षा अमला नदारद था। घटना के काफी देर बाद आरपीएफ का जवान मौके पर पहुंचा। लचर सुरक्षा व्यवस्था के सवाल पर आरपीएफ प्रभारी एसके चंद्रा ने कहा कि जीआरपी की भी तो ड्यूटी रहती है। वहीं इनका यह भी जवाब था कि प्लेटफार्म पर कोई घटना ही नहीं हुई।
एक पकड़ में आया तो दो-तीन यात्रियों ने खंभे से बांधा
स्टेशन के प्लेटफार्म 5 पर 27 जुलाई की रात 2 बजकर 40 मिनट के बीच घटना हुई। प्लेटफार्म पर दो चोर सक्रिय थे। कुछ लड़के प्लेटफार्म के बिलासपुर छोर तरफ थे, उसी दौरान चोर मोबाइल छीनकर भागने लगा, जिसमें से एक पकड़ में आ गया और युवकों ने उसे गमछे से खंभे से बांध कर रखा था। काफी देर बाद आरपीएफ का जवान आया तो पकड़कर ले गया।
खंभे में बांधने की घटना प्रकाश में नहीं आई: आरपीएफ कमांडेंट
रायपुर रेल मंडल सुरक्षा आयुक्त रमन कुमार का इस मामले में कहना है कि प्लेटफार्म नंबर-5 पर यात्रियों ने एक संदिग्ध व्यक्ति को घूमते हुए रोका था। परंतु खंभे में बांधने का कोई मामला सामने नहीं आया है। आरपीएफ जवान द्वारा यात्रियों के साथ उस संदिग्ध व्यक्ति को ले जाकर जीआरपी थाने को सौंपा है।