मौसम विभाग के अनुसार 15 अक्टूबर से होगी प्रदेश में भारी बारिश के साथ मानसून की वापसी
फिशिंग का कर रहे इस्तेमालमोबाइल या कंप्यूटर हैक करके जानकारी चुराना हैकिंग की भाषा में फिशिंग कहलाता है। इसमें हैकर बैंकिंग कंपनी, सर्विस प्रोवाइडर, वेबसाइट या कंपनी का हूबहू फर्जी वेबसाइट या साफ्टेवयर बना लेते हैं। इसे पीडि़त व्यक्ति के मोबाइल या कंप्यूटर में लिंक भेजकर और साफ्टवेयर व मोबाइल एप डाउनलोड करवा कर करते हैं। इसके जरिए पीडि़त की पूरी जानकारी हैकर तक पहुंच जाती है।
लापता हुई महिला को खोजते हुए पुलिस पहुंची घर, पूछताछ में पति ने कहा- मारकर दफना दिया हूं डेड बॉडी
केस-1फार्मा कंपनी में कार्यरत चैतन्य ठाकुर को पेटीएम की केवायसी के नाम पर प्ले स्टोर से मोबाइल एप डाउनलोड करने कहा गया। उन्होंने मोबाइल एप डाउनलोड किया। इससे उनका मोबाइल हैक हो गया। उनकी पूरी जानकारी ठग तक पहुंच गई। इससे उसने तीन से चार सेकंड में ही उनके खाते से करीब 40 हजार रुपए पार कर लिया।
जोमेटो कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल से सर्च करने के बाद धीरेंद्र कुमार ने कॉल किया। दूसरी ओर से एक लिंक का मैसेज भेजा गया। इस लिंक पर क्लीक करते ही उनका मोबाइल हैक हो गया। इसके बाद मोबाइल में जो कुछ भी हो रहा था, उसकी जानकारी हैकर तक पहुंच जाती थी। इससे उसके खाते ठग ने 31 हजार पार कर दिया।
काम की खबर: अब मकान मालिक को नहीं किराएदारों को मिलेगा पट्टा, विभाग ने जारी किया निर्देश
ठगों तक पहुंचना आसान नहींशहर में हर दूसरे दिन किसी न किसी थाने में ऑनलाइन ठगी की शिकायतें आ रही हैं। अधिकांश मामलों में ठगी करने वालों का पता नहीं चल पाता है। ठगी करने के लिए आरोपी जो तरीका अपनाते हैं, उसे ट्रेस करने के लिए साइबर एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है। पुलिस विभाग में उतने साइबर एक्सपर्ट नहीं हैं। यही वजह है कि अधिकांश मामलों की जांच लंबे समय तक चलती रहती है।
दो गुटों में हुई खूनी झड़प, इलाज के दौरान युवक ने तोड़ा दम, क्षेत्र में तनाव का माहौल
ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़ रहेपुलिस ऑनलाइन फ्रॉड रोकने जागरूकता अभियान चला चुकी है। इसके बावजूद ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष 2017 में दो सौ से ज्यादा मामले सामने आए थे, जिसमें से 100 से ज्यादा प्रकरणों में पुलिस ने एफआईआर किया था। इसी तरह वर्ष 2018 में ढाई सौ मामलों की शिकायत पहुंची, जिसमें से 50 मामलों की जांच हुई। वर्ष 2019 में अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा प्रकरण सामने आ चुके हैं। इनमें से अब तक करीब 40 प्रकरणों में अपराध दर्ज हुए हैं।
हो जाएं सतर्क : हनुमान छाप सिक्का बन रहा लूट का कारण, हथियारबंद लुटेरे अपना रहे ये तरकीब
जागरूकता ही बचाव (मोनाली गुहा, साइबर एक्सपर्ट, रायपुर )-मोबाइल में किसी भी व्यक्ति को फोन संबंधित जानकारी न दें।
-ऑनलाइन बैंकिंग लेन-देन के दौरान ओटीपी नंबर किसी को न बताएं।
-अननोन लिंक मिलने पर, उसमें क्लीक न करें।
-मोबाइल व कंप्यूटर में एंटीवायरस रखें।
Click & Read More Chhattisgarh News.