जिन लोगों ने घरों में गणेशजी को स्थापित किया था, अधिकतर वे ही विसर्जन के लिए आये थे। कुछ लोग खारून पार कर दुर्ग की ओर विसर्जन के लिए निकल गए। इसी बीच मूर्ति विसर्जन करने पानी में उतरा एक युवक डूबने लगा। किनारे खड़ा एक अन्य युवक ने छलांग लगाई और तैरकर उस तक पहुंचा।
उसे बचाकर बाहर निकाला गया। कुछ देर बाद जब वह सामान्य हुआ, तब बताया कि आमापारा का रहने वाला है। दोपहर करीब 1.00 बजे अपने भाई के साथ यहां विसर्जन देखने आया था। अमलेश्वर की तरफ घाट में एक परिवार ने उसे देखकर कहा, गणेश जी का बीच नदी में विसर्जन करने पर 60 रुपए देंगे।
इस पर दोनों भाई तैयार हो गए। दोनों प्रतिमा लेकर नदी में चले गए। युवक का भाई तैर कर वापस आ गया लेकिन वह गहराई की तरफ जाने लगा। उसे तैरना नहीं आता था। शोर मचाने लगा। यह देख किनारे खड़े रायपुरा के एक युवक ने नदी में कूदा और बचाकर बाहर लाया।