1998 में पहली बार दरों का निर्धारण
निगम ने एमआईसी में लाए प्रस्ताव में कहा है कि छग नगर पालिक निगम अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत भवन/भूमियों के वार्षिक भाड़ा मूल्य अवधारण हेतु प्रति वर्गफीट दरों का निर्धारण प्रतिवर्ष किए जाने का प्रावधान है। नगर निगम में प्रति वर्गफीट दरों का निर्धारण वर्ष 1997-98 में पहली बार किया गया था। वर्ष 2004-05 में 26 नए गांवों को निगम सीमा में सम्मिलित किए जाने पर मात्र नए क्षेत्रों के लिए ही दर निर्धारण किया गया। वर्ष 2005 से पूर्व निर्धारित दर में किसी प्रकार का संशोधन नहीं हुआ है। वर्तमान में भूमि/ भवनों की दरों में बहुत अधिक वृद्धि हो गई है किंतु निगम द्वारा दरों में किसी प्रकार का संशोधन नहीं किए जाने से निगम को आर्थिक क्षति हो रही है।
बैठक में ये प्रमुख प्रस्ताव भी हुए पारित
1. वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट का प्रस्ताव।2. कन्हैया लाल बाजारी वार्ड स्थित मच्छी तालाब का सौंदर्यीकरण 149.70 लाख का प्रस्ताव।
3. भाठागांव पानी टंकी अंतर्गत भाठागांव बस्ती, लोहार चौक एवं अवधपुरी क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने टेंडर का प्रस्ताव।
4. जोन छह के मोरेश्वर राव गद्रे वार्ड में राज ट्रेडर्स से बाहरा होटल मठपुरैना तक नाला निर्माण।
5. बीएसयूपी योजनांतर्गत बीएसयूपी एचपीएल ईब्ल्यूएस कॉलोनी में फीडर पीलर एवं एरिया लाइटिंग कार्य का प्रस्ताव।
6. मोटर कर्मशाला विभाग में 50 वाहनों चालक, 02 मेकेनिक तथा 01 वेल्डर प्लेसमेंट एजेंसी से रखने का प्रस्ताव।
7. निगम के यांत्रिकी प्रकोष्ठ के सभी नियमित अधिकारियों/ कर्मचारियों को राज्य के शाससकीय सेवकों के सामान वेतन पुनरीक्षण 2017 के अनुरूप 1 अप्रेल 2018 से वेतनमान दिए जाने का प्रस्ताव।
8. वामनराव लाखेनगर वार्ड के गोपियापारा दंतेश्वरी मंदिर से कुशालपुर तक डामरीकरण 64.29 लाख की लागत से।
9. शास्त्री बाजार चिल्हर सब्जी बैठकी एवं शास्त्री बाजार प्रवेश शुल्क वूसली के लिए ठेका का प्रस्ताव।
10. पुरानी बस्ती लिली चौक स्थित नवीन उ. मा. शाला में तीन कमरों का निर्माण।
11. प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास मिशन अंतर्गत तैयार किए हाउसिंग फॉर ऑल की ड्राफ्ट रिपोर्ट का प्रस्ताव सहित अन्य प्रस्ताव शामिल है।
जो टैक्स दे रहे उसी पर भार
निगम प्रशासन एक तरफ वार्षिक भाड़ा मूल्य में संशोधन नहीं होने से आर्थिक क्षति की बात कह रहा है, लेकिन वहीं शहर में करीब ढाई लाख मकान हैं। इसके अलावा बड़े बकायादारों से टैक्स वसूली करने में फिर तरह विफल हुआ है। निगम प्रशासन वर्तमान में डेढ़ लाख मकानों से ही संपत्तिकर वसूल पा रहा है। यदि सभी मकानों से निगम के अधिकारी-कर्मचारी ठीक-ठाक टैक्स वसूली करें, तो वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही निगम को आर्थिक क्षति होगी।
41 मार्गों के इलाकों का वार्षिक भाड़ा वृद्धि का प्रस्ताव
निगम ने सभी जोनों के कुल 41 प्रमुख मार्गों के इलाकों के भवनों/ भूमियों के वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है। यदि कमेटी ने वार्षिक भाड़ा मूल्य में वृद्धि का निर्णय लेती है, तो आम जनता को जो अभी 15 रुपए वार्षिक भाड़ा के हिसाब से संपत्तिकर टैक्स भरता है, उसे 22 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से टैक्स भरना पड़ेगा। यदि कमेटी निगम के दर में संशोधन कर आधा रेट भी रखती है तो भी आम जनता को 19 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से निगम में टैक्स जमा करना होगा।