अब कक्षा 1 से आठवीं तक एक भी छात्र नहीं होंगे फेल, 9वीं-11वीं के लिए जारी हुआ ये नया नियम उल्लेखनीय है कि 14 दिसंबर 2020 को राजधानी के एक थाने में एक महिला ने अपनी 8 साल की बेटी से दुष्कर्म होने की शिकायत की थी। दुष्कर्म करने वाला पीडि़त नाबालिग का सौतेला पिता शंभू बीन था। पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद शंभू को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद टीआई संजय पुंढीर के नेतृत्व में 48 घंटे के भीतर चालान तैयार करके न्यायालय में पेश किया गया। मामले की सुनवाई सत्र न्यायाधीश फास्टट्रैक कोर्ट राजीव कुमार के न्यायालय में शुरू हुई। मामले में 19 जनवरी से ट्रायल शुरू हो गया और महज 10 दिन बाद ही 29 जनवरी को कोर्ट ने शंभू को 20 साल की सजा और 70 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। शासन की ओर से लोकअभियोजक मोरिशा नायडु ने पैरवी की।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव बोले- जब तक कोवैक्सीन का तीसरा ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, हम इसे नहीं लगाएंगे पुलिस की प्राथमिकता में है
दुष्कर्म के मामलों को लेकर पुलिस गंभीर है। एसएसपी अजय यादव ने सभी थानेदारों को दुष्कर्म संबंधित मामलों में शीघ्र गिरफ्तारी और चालान पेश करने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे मंदिरहसौद थाने में भी पुलिस ने बहुत कम समय में चालान पेश किया था।