नकली नोट छापने के लिए लगाते थे ये देशी जुगाड़, ऐसे हुआ खुलासा
वे एनआईटी के डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन की ओर से लैब 3 सेंटर कंम्प्यूटर सेंटर में आयोजित वर्कशॉप में बोल रहे थे। एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग एकेडमी प्रोग्राम्स (अटल ) के अंतर्गत आयोजित वर्कशॉप में उन्होंने बताया कि नॉर्मल बातें हैं जिसे फॉलो करते जाएं तो ठगी से बच सकते हैं।इन दवाइयों का इस्तेमाल करके युवा हो रहे नशे का शिकार, खुलेआम हो रही मेडिकल स्टोर से सप्लाई
वर्चुअल की बोर्ड का यूज इसलिए जरूरीडॉ राय ने बताया कि किसी भी बैंकिंग प्रोसेस में वर्चुअल की-बोर्ड दिया रहता है लेकिन हम उसका यूज करते ही नहीं। जब कोई हमारे फोन या अकाउंट को हैक करता है डेटा वही ट्रांसफर होता है जो हम प्रेस करते हैं, अगर आप वर्चुअल कीबोर्ड का इस्तेमाल करें उसका डेटा या टाइप की गईं उस मोड में नहीं पहुंचती जैसा हैकर चाहता है। वचुर्अल की बोर्ड सराउंड होता रहता है।
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विदेश में रेटीना और चेहरा पढ़ लेती है मशीनडॉ राय मानते हैं, अवेयरनेस के मामले में हम पीछे हैं, टेक्नीक के लिहाज से भी आगे नहीं हैं। अब्रॉड में अब रेटीना स्कैन किया जाने लगा है। अगर आप एटीएम रुम गए तो वहां आपके चेहरे के खास एलिमेंट को कैमरा पढ़ लेता है। फॉरेन में कैश डिपॉजिट भी वही करता है जो जिसका एकाउंट है। हमारे यहां किसी-किसी बैंक के एटीएम में अंगूठा स्कैन किया जा रहा है।
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