इस वजह से बच्चों से लेकर बूढ़ो तक हो रहें डायबिटीज और BP के शिकार, सामने आए चौकाने वाले आकड़े
कलेक्टर के निर्देश से सभी गांवों के बैंक सखी बनाई जाएगी। जो बीमार और नि:शक्त वृद्धों को घर पहुंचा कर उनकी पेंसन राशी देंगे। कलेक्टर को शिकायत मिली थी कि जिले के 5 हजार से ज्यादा वृद्ध शासकीय योजनाओं के तहत मिलने वाले पेंसन की राशी आहरित नहीं कर पाते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि वे बीमारी के कारण चल-फिर भी नहीं पा रहे हैं।Alert! मौसम विभाग ने की बड़ी भविष्यवाणी, अगले 48 घंटों में इन इलाकों में होगी भारी बारिश
होती है कमीशन खोरीघर से बैंक और बैंक से घर तक ले जाने के लिए गांव के युवा कमीशन लेते हैं। जिससे वृद्धों के पास पेंशन की राशि नाम मात्र की ही बच जाती है। हालात यह भी है कि पेंशनधारियों के पास दवाओं तक के लिए पैसे नहीं रहते हैं। इस शिकायत के बाद कलेक्टर ने लीड बैंक के अधिकारियों को बुलाकर बैठक ली और तिल्दा से पायलेट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना की शुरूआत भी कर दी है।
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समय नहीं मिलेगी पेंशन तो होगी कार्रवाईकलेक्टर ने बैंक अधिकारियों कहा है कि पेंसन की राशि हर माह 2 तारिख को बैंकों के खाते में डाल दी जाती है। जिसे बैंक दो से तीन सप्ताह बाद खाताधारियों के खाते में अपडेट करते हैं। यदि अब ऐसा होगा तो बैंकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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