चंद्रमोहन द्विवेदी/रायपुर. राजनांदगांव के शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय में वैज्ञानिक डॉ. बीएस असाटी बीते चार साल से लालभाजी की किस्मों पर काम कर रहे हैं। डॉ. असाटी ने अब तक लालभाजी की 40 किस्मों (जर्नप्लाज्म) को देश के अनेक हिस्सों से इक_ा किया है। इस दौरान उन्होंने लालभाजी की दो किस्में अमर-7 व अमर-11 में अन्य के मुकाबले अधिक गुणवत्ता पाई है। इन किस्मों में अन्य की अपेक्षा अधिक आयरन, कैल्सियम, रेशा, शुष्क पदार्थ की मात्रा है। प्रदेश में अनेक इलाकों में लोगों के कुपोषण का शिकार होने की खबरें आती रहती हैं। एेसे में लालभाजी से बनाए गए टैबलेट, कैप्सूल व पाउडर से कुपोषण की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
लालभाजी को अब टैबलेट और कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है। राजनांदगांव में कार्यरत हॉर्टिकल्चर साइंटिस्ट कुछ इसी फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं। वे अपने प्रयोग में फॉर्मूला कॉम्बीनेशन के अंतिम चरण में हैं और इस साल के अंत तक मल्टी नूट्रीएन्ट (बहु पोषक तत्च) से भरपूर लालभाजी के टैबलेट व कैप्सूल बाजार में लाने की कोशिश में हैं। डॉ. असाटी के मुताबिक लालभाजी से बनने वाले यह मल्टी नूट्रीअन्ट टैबलेट, कैप्सूल व पाउडर गर्भवती स्त्रियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
&लालभाजी में अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसकी कुछ किस्मों की गुणवत्ता अन्य से बेहतर है। इन्हें दवाइयों के रूप में उपयोग करने पर रिसर्च किया जा रहा है। कोशिश है कि साल के अंत तक यह लोगों के उपभोग के लिए तैयार हो जाए।
डॉ. बीएस असाटी
उद्यानिकी वैज्ञानिक
Hindi News / Raipur / छत्तीसगढ़ के डॉक्टर ने लाल भाजी से बनाई कमाल की दवाई, महिलाओं को होंगे फायदे