एक नजर छात्रों के आंदोलन पर एचयू में कई बार आंदोलन हुए, हंगामा हुआ, विवि बंद रहा लेकिन छात्र राजनीति पर निगाह रखने वाले कहते हैं कि पहली बार छात्राएं इतने मुखर विरोध और आंदोलन पर उतरी हैं। नब्बे के दशक में बड़ा छात्र आंदोलन हुआ था, तब पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस आंदोलन के बाद से बीएचयू में छात्रसंघ चुनाव बंद है। हालांकि पिछले एक दशक में बीएचयू में यह सबसे बड़ा आंदोलन है। इविवि के पूर्व अध्यक्ष रहे रामाधीन सिंह बताते हैं कि जिस तरह की मांग को लेकर बीएचयू में छात्राओं ने आंदोलन किया है वैसा मेरी याद में कभी नहीं हुआ।
Read more:BREAKING: जनसुनवाई में छात्राओं का इंसाफ: छेडख़ानी करने वाले प्रोफेसर को कॉलेज में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गधे पर निकाला था जुलूस में ऐसा ही आंदोलन इविवि में हुआ। इविवि के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रहे अभय अवस्थी बताते हैं महिला छात्रावास के गेट पर कुछ मनचले छेड़छाड़ कर रहे थे। तभी सरोजिनी नायडू छात्रावास की अधीक्षक प्रो. रंजना कक्कड़ निकलीं तो उन्होंने लड़कों को फटकार कर भगा दिया। बाद में इन लफंगों ने विवि में घुसकर प्रो. कक्कड़ से बद्तमीजी की। इसके विरोध में छात्राओं ने आंदोलन किया। एसपी सिटी ओपी सिंह समझाने पहुंचे तो छात्राओं ने उनको घेर लिया। चार दिन बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई तो गधे पर बैठाकर जुलूस निकाला। इसकेे बाद आंदोलन खत्म हुआ था। विवि के एक-दो कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हुई।
5 छात्र आंदोलन, नतीजा कुछ नहीं पिछले तीन-चार वर्षों की बात करें तो कई कैंपसों में छात्र आंदोलन हो चुके हैं। 2014 में सीसैट के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन हुआ हालांकि सरकार के आश्वासन के बाद आमरण अनशन खत्म हो गया था। पिछले कुछ वर्षों में ये पांच मामले सबसे ज्यादा चर्चा में रहे।
हैदराबाद विश्वविद्यालय 17 जनवरी 2016 को विवि के शोध छात्र रोहित वेमुला न आत्महत्या की थी। मामले में कुलपति की भूमिका पर सवाल उठे। छात्रों ने आंदोलन शुरू किया, तो कुलपति पी. अप्पाराव अनिश्चितकालीन छुटï्टी पर चले गए। मामला और बिगड़ा। दूसरे विवि में आंदोलन पहुंचा। आंदोलनकारियों की मांग थी कि वीसी बर्खास्त हों और अजा, अजजा, पिछड़े वर्ग व अल्पसंख्यक छात्रों की आत्महत्या रोकने को रोहित कानून पारित किया जाए।
जेएनयू में बवाल 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में कथित तौर पर देशद्रोही नारे लगाने का वीडियो आया। केस दर्ज हुआ। जांच में पता चला कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई थी। जेएनयू अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार समेत तीन गिरफ्तार हुए। बाद में तीनों को जमानत मिली।
ऑक्यूपाई यूजीसी 2015 में मानव संसाधन मंत्रालय ने शोध छात्रों को मिलने वाली फेलोशिप रोक दी। पीएचडी सीटों की संख्या नए सिरे से निर्धारित की गई। इसके खिलाफ दिल्ली में यूजीसी के गेट पर आंदोलन हुआ। आश्वासनों के बावजूद हल नहीं निकला। आखिर छात्रों ने आंदोलन वापस ले लिया।
जाधवपुर विवि 2016 में जाधवपुर विवि में कैंपस में फिल्म बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम की स्क्रीनिंग करने पर विवाद शुरू हुआ। स्थानीय भाजपा नेताओं ने स्क्रीनिंग का विरोध करने वाले छात्रों को देशद्रोही कहा और इसके बाद मामला बिगड़ा।