नगर निगम के 825 भवन अवैध, बिना Approval बना लिए घर
लोगों को भवन निर्माण का ले-आउट अप्रूवल देने वाला नगर निगम खुद नियमों पर
खरा नहीं उतर रहा है। राजधानी में नगर निगम की कुल 825 बिल्डिंग ऐसी हैं,
जिनका ले-आउट एप्रूव नहीं है
रायपुर. लोगों को भवन निर्माण का ले-आउट अप्रूवल देने वाला नगर निगम खुद नियमों पर खरा नहीं उतर रहा है। राजधानी में नगर निगम की कुल 825 बिल्डिंग ऐसी हैं, जिनका ले-आउट एप्रूव नहीं है। जबकि शासन के मुताबिक जिस बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं होगा, उसे अवैध माना जाता है।
निगम ही ऐसी बिल्डिंग पर कार्रवाई करता है लेकिन जब बात अपनी बिल्डिंग की है तो मनमानी की जा रही है। रायपुर नगर निगम द्वारा स्कूल, अस्पताल, सरकारी दफ्तर समेत अन्य भवन बनाने के लिए अनुमति नहीं ली जाती। भवन बनवाने के लिए नगर निवेश विभाग से नक्शा पास नहीं करवाया जाता है।
नक्शा पास नहीं होने से नियम-कायदों को ताक पर रखकर मनमाफिक भवन निर्माण किया जा रहा है। इसका सब से बड़ा उदाहरण ये की रायपुर नगर निगम के अधिकतर जोन दफ्तर पानी टंकी के नीचे बनवाए गए हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार चाहे सरकारी हो या निजी, भवन बनवाने वालों को नक्शा पास करवाना जरूरी है। बगैर नक्शे के भवन अवैध हैं।
नक्शा पास करवाना जरुरी
बैरन बाजार पानी टंकी के नीचे सरकारी स्कूल प्यारे लाल शासकीय हिन्दू उ.मा. विद्यालय की बिल्डिंग है। ऐसे में निगम की लापरवाही का खामियाजा यहां पढ़ाई करने वाले मासूमों को उठाना पड़ सकता है। मासूमों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा।
825 भवन है निगम के
जानकारी के मुताबिक जोन क्रमांक -5 का दफ्तर मुकुट नगर पानी टंकी के नीचे बनाया गया है। अन्य जोन कार्यालयों को भी पानी टंकियों के नीचे बनवाया गया है। पानी टंकी में कभी समस्या आ गई तो नीचे बनाई गई बिल्डिंग में कार्यरत कर्मचारियों को परेशानी हो सकती है या फिर उनकी जान पर बन आएगी।
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