यह फरमान जारी होते ही टीटीई विरोध में उतर आए हैं। उनका तर्क है कि उन्हें पार्सल और गुड्स साइडिंग में बुकिंग का कभी प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया है। एेसे में लगेज भाड़ा तय करने में यदि कोई भी गड़बड़ी हुई तो उनकी नौकरी पर बन जाएगी। इसे देखते हुए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है।
इधर रेलवे प्रशासन का मानना है कि इस समय रायपुर और दुर्ग स्टेशन सहित कुछ और स्टेशनों में ही स्पेशल यात्री ट्रेनों का स्टॉपेज है, जहां गिनती के टिकट निरीक्षकों की ड्यूटी होती हैं। क्योंकि अभी सिर्फ तीन जोड़ी यात्री ट्रेनें ही चल रही हैं। इसलिए टिकट निरीक्षकों के पास कोई काम भी नहीं है। इसे देखते हुए बिलासपुर रेलवे जोन के मुख्य कामर्शियल मैनेजर ने सभी रेल डिवीजन को आदेश जारी किया है कि टिकट निरीक्षकों की ड्यूटी पार्सल बुक कराने और गुड्स साइडिंग में लगाई जाए, ताकि रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके।
सीटीआई, डिप्टी सीटीआई समेत 12 की लगी ड्यूटी
मुख्य कामर्शियल मैनेजर ने २ जुलाई को आदेश जारी किया है। इसमें मुख्य टिकट निरीक्षक, उपमुख्य टिकट निरीक्षक समेत 12 टिकट निरीक्षकों की ड्यूूटी लगाई गई है। जिन्हें व्यापारियों से संपर्क कर लगेज बुक कराने के लिए प्रोत्साहित करना तथा बुकिंग में मदद करना है।
टिकट निरीक्षकों की ड्यूटी रेलवे का राजस्व बढ़ाने में लगाई है। रेलवे प्रशासन की मंशा उन्हें प्रताडि़त करना नहीं है, बल्कि उनकी सेवाओं का उपयोग करना है। कामर्शियल विभाग का भी यही है।
-शिव प्रसाद पंवार, सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर, रेलवे