केवल इस महीने अगस्त की बात करें तो रेलवे प्रशासन नागपुर रेल लाइन और अब 21 से 31 अगस्त के बीच बिलासपुर के हिमगिरी स्टेशन में चौथी रेल लाइन के लिए जो ब्लाक ले रहा है, उससे 150 यात्री ट्रेनें कैंसिल की गईं। जबकि मार्च से जुलाई तक बिलासपुर जोन से होकर चलने वाली 500 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं। जिनमें लाखों यात्री तीन से चार महीने पहले से ई-टिकट या फिर रेलवे काउंटरों से रिजर्वेशन कराए थे। उनसे उसी वक्त जीएसटी के नाम पर 15 से 20 रुपए प्रति टिकट के हिसाब से काट लिया जाता है और उनकी ट्रेनें एक झटके में कैंसिल कर दी जाती हैं।
हैरानी की बात ये कि रिफंड के नियमों का प्रचार-प्रसार करने के बजाय उस पर रेलवे पर्दा डालकर अधिक से अधिक यात्रियों को चपत लगाने के रास्ते पर ही चलता रहा। जब यात्री तीन दिन बाद रिफंड लेने पहुंचते हैं, तो उन्हें रिफंड देने से मना कर दिया जाता है।
50 से 60 लाख लोगों की यात्रा प्रभावित
रेलवे के अनुसार जनवरी से 31 अगस्त के बीच करीब 50 से 60 लाख यात्रियों की यात्राएं कई कारणों से ट्रेन कैंसिलेशन के कारण प्रभावित हुई हैं। क्योंकि बिलासपुर जोन से होकर गुजरने वाली 650 से ज्यादा ट्रेनें कैंसिल हुईं। औसत एक ट्रेन में यदि 1500 से 2000 यात्री मानें तो ये आंकड़ा लाखों में पहुंचता है। ऐसे में ऐन वक्त पर यात्रा का माध्यम बस, निजी टैक्सी या फ्लाइट की वजह से यात्रियों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ रेलवे का सबसे अधिक फोकस मालगाड़ी चलाने में रहा, जिसका आंकड़ा 50 गुना ज्यादा रहा।
न नियम बदला और न 3 दिन का प्रचार-प्रसार किया
रेलवे नए-नए कारण बताकर कभी भी यात्री ट्रेनें कैंसिल कर देता है। ऐसा जनवरी से लेकर आज तक चल रहा है। ई-टिकट तो कैंसिल होकर उस यात्री के एकाउंट में रिफंड हो जाता है। परंतु रिजर्वेशन टिकट काउंटर से 3 दिन में रिफंड करने का नियम रेलवे बना रखा है, लेकिन इस नियम में ऐसे समय भी बदलाव नहीं किया जबकि यात्री ट्रेनें कई बार अचानक रद्द होने पर यात्री जहां के तहां फंस गए थे। रेलवे अनेक माध्यमों से यह प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जिससे कि लोगों को पता चल सके कि यदि तीन दिन के अंदर रिफंड नहीं लिया तो पूरा पैसा डूब जाएगा। उसी का फायदा उठाकर ऐसे हजारों यात्रियों से मोटी कमाई कर रहा रेलवे। जबकि जीएसटी की मार अलग से।
टिकट का पूरा पैसा डूबने पर रेलवे देता है जानकारी
ऐसे कई मामले पत्रिका के पड़ताल में सामने आए हैं, जब रेलवे के काउंटर से लिए गए सैकड़ों यात्रियों के रिजर्वेशन टिकट का पूरा पैसा ही डूब गया है, क्योंकि वे तीन दिन के अंदर रिफंड लेने नहीं आए। शहर के शिवानंद नगर की अनीता सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के 4 सदस्यों का टिकट रायपुर से उज्जैन और उसी दिन वापसी के लिए 9 अगस्त का पीएनआर नंबर 282-6273114 उज्जैन से रायपुर आने के लिए भगत की कोठी एक्सप्रेस का रिजर्वेशन टिकट लिया था। 2960 रुपए दिया था। परंतु यह ट्रेन रेलवे कैंसिल कर दिया। इसलिए उनका पूरा परिवार उज्जैन में ही फंसा रहा गया, क्योंकि दूसरी किसी ट्रेन में कंफर्म टिकट मिला नहीं। जब वहां से आए तो स्टेशन के काउंटर पर रिफंड लेने गए तो यह कह कर मना कर दिया गया कि 3 दिन के अंदर आते तो रिफंड मिल जाता, अब नहीं मिलेगा।
ट्रेन कैंसिल होने पर 3 दिन के अंदर रिजर्वेशन टिकट कैंसिल कराना अनिवार्य है। इसके बाद कोई रिफंड रेलवे नहीं देता है। परंतु ये सुविधा है कि टिकट कैंसिल कराकर रिफंड लेने की सुविधा देश के किसी भी काउंटर से यात्री ले सकते हैं। ऐसी कोई बाध्यता नहीं कि जिस काउंटर का टिकट हो, उसका रिफंड उसी रेल डिवीजन के काउंटर से मिलेगा।
– शंभू शाह, एसीएम, रायपुर रेल डिवीजन