scriptKrishna Janmashtami 2024: एक टन फूलों से सजा इस्कॉन मंदिर, मखमली पोशाक और हीरा, मोती के हार में दर्शन देंगे राधाकृष्ण | Radha Krishna will appear in a velvet dress from Vrindavan and a necklace of diamonds, pearls and rubies, ISKCON temple decorated with one ton of flowers | Patrika News
रायपुर

Krishna Janmashtami 2024: एक टन फूलों से सजा इस्कॉन मंदिर, मखमली पोशाक और हीरा, मोती के हार में दर्शन देंगे राधाकृष्ण

Krishna Janmashtami 2024: रायपुर शहर के राधाकृष्ण मंदिरों में सोमवार को सुबह से जन्माष्टमी महोत्सव की धूम शुरू होगी। वही शहर के मंदिरो इस्कॉन मंदिर,खाटू श्याम मंदिर और राधाकृष्ण मंदिर को अनेक प्रकार के पुष्पों से सजाया है।

रायपुरAug 26, 2024 / 10:15 am

Shradha Jaiswal

radha krishna
Krishna Janmashtami 2024: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के राधाकृष्ण मंदिरों में सोमवार को सुबह से जन्माष्टमी महोत्सव की धूम शुरू होगी। इस खास दिन के लिए मंदिर समितियां तीन महीना पहले से तैयारी में लगी थीं। राधारानी और कन्हैया के लिए मथुरा वृंदावन से मखमली पोशाक और हीरा, मोती, माणिक के हार और चांदी के मुकुट कोलकाता और मुंबई से मंगाया गया है। इसी से विशेष शृंगार होगा।
Raipur Iskcon Temple: इस्कॉन मंदिर टाटीबंध में भगवान के सिंहासन की सजावट एक टन फूलों से की गई है और समता कॉलोनी के खाटू श्याम मंदिर में डेढ़ क्विंटल और राधाकृष्ण मंदिर में एक क्विंटल अनेक प्रकार के पुष्पों से सजाया है। कोलकाता के कारीगर दो-तीन दिन पहले से इस काम में लगे हुए थे। बता दें कि जिस तरह मथुरा-वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का उल्लास भक्तों में होता है, वैसी ही तैयारियां शहर के दर्जनभर राधाकृष्ण मंदिरों में की गई है।
रंग-बिरंगी बिजली की झालरों भगवान के जन्म से जुड़े प्रसंगों की झांकियां सजाई गई है। मंदिरों में मंगलगीत गाते हुए महिला मंडली राधाकृष्ण की जुगलजोड़ी को फूलों के झूलों में झुलाकर भक्तिरस का आनंद भगवान के जन्मोत्सव से तीन-चार दिन पहले से लेने में जुटी हुई हैं। रविवार से ही मंदिर परिसर में भक्ति और उल्लास की छटा बिखरने लगी है।
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Krishna Janmashtami: इस्काॅन मंदिर में राधाकृष्ण के रूप में बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

इस्कॉन मंदिर टाटीबंध में तीन दिनों तक जन्माष्टमी महा महोत्सव मनाया जा रहा है। परिसर में 20 हजार वर्गफीट में वाटरप्रूफ भव्य पंडाल बनाया है। रविवार को शुभारंभ मंदिर के अध्यक्ष एचएच सिद्दार्थ स्वामी, सुलोचन कृष्ण दास और जनार्दन दास ने किया। इस मौके पर बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता कराई गई। जहां पहले दिन राधाकृष्ण के रूप में बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। संयोजिका कंचन सिंघानिया और सुलोचना बंका ने बताया फैंसी ड्रेस में 50, भक्ति नृत्य जूनियर-सीनियर वर्ग में 150-150 बच्चों ने प्रस्तुति दी। फेस्टिवल कमेटी के चेयरमैन राजेश अग्रवाल, वाइस चेयरमैन शुभम् सिंघल, राजेश किंगर, पवन सचदेव, दिलीप केडिया, राजेंद्र पारख, पंकज मिश्रा, विकास मोदी सहित बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
101 किलो दूध से अभिषेक: राधा कृष्ण मंदिर समता कॉलोनी में सुबह 9 बजे से 101 किलो दूध से दुग्ध अभिषेक से महोत्सव शुरू होगा। मंदिर के प्रचार-प्रसार प्रभारी सत्येंद्र अग्रवाल ने बताया कि महोत्सव को यादगार बनाने भव्य तैयारी की गई है। दोपहर 12:00 बजे से श्रृंगार दर्शन और शाम 4 बजे से श्रीकृष्ण की झांकी का दर्शन प्रारंभ होगा। ठीक अर्ध रात्रि में भगवान का जन्म उत्सव, महाआरती होगी।
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RadhaKrishna: जैतूसाव मठ में वृंदावन की सखियां देगी प्रस्तुति

जैतूसाव मठ में राधा और कन्हैया का झूला झूलने से लेकर अभिषेक और आकर्षक शृंगार होगा। भजन, मंगल गीत के बीच वृंदावन की सखियों की प्रस्तुति भक्तों के लिए विशेष रहेगी। मालपुवा का भोग और प्रसाद बंटेगा। इसी तरह जवाहरनगर राधाकृष्ण मंदिर में भजन, पूजन, अभिषेक, महाआरती होगी।

सर्व ब्राह्मण समाज ने कृष्ण भजनामृत प्रस्तुत किया

पूर्व संध्या पर महादेव घाट तथा रायपुरा परिक्षेत्र सर्व ब्राह्मण समाज ने संगीतमय कृष्ण भजनामृत से भाव विभोर किया। महादेवघाट के हनुमान मंदिर स्थित पीपल वृक्ष के नीचे मंच के प्रदेश अध्यक्ष ललित मिश्रा सहित महिला मंडली की प्रस्तुति को लोग सुनते रहे।
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वल्लभनगर केंद्र ने तीज और जन्माष्टमी उत्सव

महाराष्ट्र मंडल के वल्लभ नगर केंद्र की महिलाओं ने रविवार को हरतालिका तीज और कृष्ण जन्माष्टमी पर्व एक साथ मनाया। इस अवसर पर महिलाओं ने कई प्रकार के हाउजी गेम्स खेले। वहीं कृष्ण-राधा के रूप में सुहाग की वस्तुएं जैसे चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, तीज आदि शब्दों पर हाउसी खेली। इसमें प्रथम मेघा ऋषि, द्वितीय शुभांगी आप्टे, तृतीय कंचन पुसदकर रहीं। इसी तरह अन्य प्रतिभागियों ने हुनर दिखाया। कार्यक्रम में राधा-कृष्ण बनकर पहुंचीं महिलाओं ने पहले एक-दूसरे को माखन लगाया। फिर सभी ने एक- दूसरे को माखन का प्रसाद बांटा।

जन्म जयंती योग का विशेष संयोग

कन्हैया के जन्म के समय का संयोग इस बार बना है। शंकराचार्य आश्रम के स्वामी इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि सोमवार को अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र में रात 11.5 बजे चंद्रोदय होगा। इसी संयोग में रात ठीक 12 बजे शंख ध्वनि, मंगल गीत के बीच भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनेगा।

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