आपको बता दें छत्तीसगढ़ पीएससी का कहना है इस वर्ष किसी भी विभाग ने रिक्त पदों में भर्ती के लिए किसी प्रकार की जानकारी नहीं भेजी है। जिन विभागों की जानकारी प्राप्त हुई है उसमे पुराने आरक्षण फार्मूला लागू होने के कारण हमने उसे लौटा दिया है । इस पर कौशिक का कहना है प्रति वर्ष करीब 1 लाख 15 हजार युवा छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा में शामिल होते है। इस तरह से पीएससी 2019 के विज्ञापन नहीं आने से इस वर्ष युवाओं को परीक्षा का अवसर नहीं मिलेगा और उनका एक साल व्यर्थ चला जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष पीएससी के परीक्षा कैलेन्डर के अनुसार नंवबर के महीने में पीएससी का विज्ञापन जारी होता था और फरवरी में प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती थी। जून के महीने में मुख्य परीक्षा व नवंबर के महीने में साक्षात्कार में चयनित युवाओं को शामिल होना होता था। इस तरह से पीएससी की परीक्षा कैलेन्डर में बदलाव आने से इसका असर आने वाले भविष्य के परीक्षाओं पर पड़ेगा इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? नेता प्रतिपक्ष का कहना है प्रदेश के युवा अपना पूरा समय देकर इन प्रतियोगिता परिक्षाओं की तैयारी करते हैं जिनका पूरा एक साल पीएससी के शून्य वर्ष घोषित किए जाने से व्यर्थ चला जाएगा।
उन्होंने कहा कि 18 से 19 सेवाओं के लिए हर वर्ष 300 पद पीएससी प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से युवाओं की भर्ती करती है, लेकिन अब युवाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा। अब युवाओं को यह चिंता सताने लगी है कि पीएससी की परीक्षा आखिरकार कब होगी ? नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार दावा करती है कि बड़ी संख्या में बेरोजगारों को नौकरी दी जा रही है लेकिन वहीं प्रदेश में अभी भी 25 लाख के करीब पंजीकृत युवा बेरोजगार हैं जिन्हें विधानसभा चुनाव के पहले अपने घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ता देने के नाम पर ठगा गया है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने युवाओं के कैरियर जैसे महत्वपूर्ण विषय पर शासन के गैर जिम्मेदार रवैये पर दु:ख व्यक्त किया।
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