यह भी पढ़ें : रक्षा बंधन 2023 : मुख्यमंत्री बघेल को राखी बांधने जा रहीं कर्मचारियों को पुलिस ने रोका इस दौरान सिर पर कलश, धनुष, तीर लिए जय बूढ़ादेव के जयकारे लगाते हुए बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। बूढ़ातालाब में अपने ईष्टदेवता बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। ऐसा ही आयोजन सामाजिक भवन में भी हुआ।