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मिलने का एक कारण यह भी
राजधानी के निजी स्कूल संचालकों की मानें तो स्कूल शिक्षा विभाग ने आरटीई का भुगतान अटका दिया है। भुगतान की राशि करोड़ों में बकाया है और इसे चुकाने में जिम्मेदार दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। राजधानी के कई निजी स्कूल संचालकों को अब तक शिक्षा सत्र 2019 का भुगतान नहीं मिला है। स्कूल संचालकों का कहना है कि वर्तमान में आर्थिक स्थिति खराब है और आरटीई का पैसा संजीवनी का काम करेगा। विभागीय अधिकारियों से जब भी मांग रखो, हर बार आश्वासन मिल जाता है। सीएम से मुलाकात कर मामले से अवगत कराया जाएगा, ताकि समस्या का समाधान हो सके।
जिले में 1 हजार 853 निजी स्कूल
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में 1 हजार 853 निजी स्कूल है। इन स्कूलों को ऑनलाइन क्लास लगाने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद स्कूलों ने फीस लेना भी शुरू कर दिया है। लगभग 70 प्रतिशत स्कूलों का आरटीई का भुगतान हो चुका है। जिन स्कूलों की शिकायत मिली है, उनका आरटीई भुगतान रोका गया है, ताकि वहां पदस्थ कर्मचारियों को परेशान ना किया जा सके। जिन स्कूलों ने अपने स्टॉफ को पूर्ण भुगतान कर दिया है, उनका पैसा नहीं रोका गया है।
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जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने कहा, स्कूल प्रबंधन के आवेदन पर आरटीई का भुगतान किया जा रहा है। जिन स्कूल प्रबंधन को पैसा ना मिलने की शिकायत है, वे हमसे संपर्क करें उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।